खाना बनाना भी एक कला है। हालांकि जो मिले, वही खा लें, इसी में भलाई है। खाने के प्रति लालसा नहीं रखनी चाहिए, लेकिन खाने की क्वालिटी से कभी समझौता नहीं करना चाहिए। आयुर्वेद और हिन्दू धर्म अनुसार भोजन से ही रोग उत्पन्न होते हैं और भोजन की आदत बदलने से ही रोग समाप्त भी हो जाते हैं। भोजन करने के पूर्व वैसे को कई तरह के कार्य किए जाते हैं जिससे भोजन करने का हमें उत्तम फल मिलता है। परंतु यहां पर प्रस्तुत है मात्र 7 ऐसे कार्य जो भोजन करने के पूर्व करना चाहिए।

1. 5 अंगों (2 हाथ, 2 पैर, मुख) को अच्छी तरह से धोकर ही भोजन करना चाहिए।
2. भोजन करने से पूर्व देवताओं का आह्वान जरूर करें और तीन कोल ब्रह्मा, विष्णु और महेश या गाय, कौवा और कुत्ते के लिए निकल कर रखें।
3. भोजन सदैव पूर्व या उत्तर की ओर मुख करके करना चाहिए।
4. भोजन की थाली को हमेशा पाट, चटाई, चौक या टेबल पर सम्मान के साथ रखें।
5. भोजन के मेल बेमेल को जानकर ही भोजन करें।6. भोजन करने के पूर्व तीखा इसलिए खाते हैं क्योंकि इससे आपका पाचन तंत्र सक्रिय हो जाए।
7. भोजन करने के पूर्व या बनाते समय उसे अग्नि को समर्पित करना चाहिए।
आयुर्वेद में कहा गया है कि भोजन को उत्तर तरीके और उत्तम भाव से खाने से ही वह आपके लिए अमृत सा असर देता है परंतु यदि आप भोजन को पूर्ण सम्मान देते हुए नहीं खाते हैं तो यह आपके लिए नुकसान दायक सिद्ध होगा।
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