भारत और अमेरिका के बीच हुए रक्षा सौदे पर पाकिस्तान का बयान सामने आया है. पाकिस्तान का कहना है कि यह परेशान करने वाली बात है और इससे अस्थिरता पैदा हो सकती है.
दरअसल, अमेरिकी विदेश विभाग ने भारत को हार्पून मिसाइलें और मार्क 54 टारपीडो बेचने को लेकर अपने देश की कांग्रेस को आधिकारिक तौर पर जानकारी दी है. पाकिस्तान का यह बयान इसी के बाद आया है. पाकिस्तान की विदेश कार्यालय की प्रवक्ता आइशा फारूकी ने कहा कि इस तरह की मिसाइल प्रणालियों की बिक्री और तकनीकी सहायता ऐसे समय में हो रही है जब एक महामारी से लड़ने के लिए वैश्विक प्रयास किए जा रहे हैं. इससे दक्षिण एशिया की पहले से ही संवेदनशील स्थिति और अस्थिर होगी.
इस्लामाबाद में मीडिया ब्रीफिंग में आइशा फारूकी ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत को अत्याधुनिक हथियारों की बिक्री के बारे में अपनी चिंताओं को स्पष्ट किया है. पाकिस्तान और भारत के बीच उच्चायुक्त स्तर तक राजनयिक संबंधों की बहाली के बारे में फारूकी ने जवाब दिया कि पाकिस्तान हमेशा अपने सभी पड़ोसी देशों के साथ अच्छे संबंध चाहता है.
कश्मीर पर बात करते हुए फारूकी ने कहा कि बातचीत के लिए भारत को अनुकूल माहौल बनाने की जरूरत है, जो कश्मीरी लोगों और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) के प्रस्तावों के अनुसार कश्मीर विवाद का समाधान कर सके. इसके अलावा पाकिस्तान में कोरोना वायरस के खतरे पर उन्होंने कहा कि COVID-19 महामारी द्वारा उत्पन्न अभूतपूर्व चुनौती के जवाब में पाकिस्तान सरकार बिना किसी भेदभाव के अपने सभी नागरिकों की रक्षा कर रही है.