संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) भारत के साथ वित्तीय एवं इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र में सहयोग बढ़ा सकता है। सोमवार को भारत की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने यूएई के वित्त राज्यमंत्री ओबैद अल तायर के साथ वर्चुअल बैठक की। इस दौरान वित्त मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। दोनों देशों ने परस्पर लाभ के लिए आपसी सहयोग को आगे ले जाने पर सहमति जताई।
वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में कहा कि दोनों देश यूपीआइ और रुपे के जरिये लेनदेन को बढ़ाने के लिए आपस में सहयोग करने पर सहमत हो गए हैं। यूएई भारत के फिनटेक क्षेत्र में भी अपना योगदान देगा। सीतारमण ने यूएई को नेशनल इन्फ्रास्ट्रक्चर पाइपलाइन (एनआइपी) में भी निवेश के लिए आमंत्रित किया। दोनों देशों के नेताओं ने जी -20 और आईटीयू सहित विभिन्न अंतरराष्ट्रीय मंचों में भारत और यूएई के हितों को संरेखित करने के लिए एक साथ काम करने पर सहमति व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि भारत और यूएई के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर में निवेश का एनआइपी बहुत बड़ा जरिया है। इस वर्ष 15 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी एनआइपी का जिक्र करते हुए कहा था कि इसके तहत लगभग 7,000 परियोजनाओं की पहचान की गई है और इसमें 110 लाख करोड़ रुपये के निवेश की योजना है।