विदाई अक्सर शादी के बाद ही होती है. लेकिन आज हम ऐसी जगह के बारे में बताने जा रहे हैं जहां पर शादी के पहले ही लड़की अपने ससुराल चली जाती है. असल में ये एक परंपरा के नाम पर होता है जो सालों से चली आ रही है. साथ ही आपको बता दें, झारखंड के उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल में शादी की यह अनोखी परंपरा काफी वर्षों से चली आ रही है. यहां दूल्हे के परिजन लग्नबंधी (स्थानीय रिवाज) करने दुल्हन के घर जाते हैं और बिन शादी के ही कन्या को विदा करा अपने घर ले आते हैं. 
आपकी जानकारी के लिए बता दें, एक से दो दिनों तक दुल्हन घर की बुजुर्ग महिलाओं के साथ रहती है. फिर दुल्हन के पिता और परिजन बारात लेकर पहुंचते हैं. अपने घर पहुंचे बारात में दूल्हा भी शामिल होता है. यहीं पिता कन्यादान करते हैं. यानि ससुराल में ही लड़की की शादी होती है. इतना ही नहीं लड़के के घर ही शादी की रस्म पूरी की जाती है. फिर दुल्हन को वहीं छोड़ बारात विदा हो जाती है. बता दें, प्रमंडल में यह रिवाज दोला नाम से जाना जाता है.
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आप देख ही सकते हैं परंपरा के साथ-साथ ये शादियां सामाजिक संदेश भी देती हैं. अधिकांश शादियां बिना दान-दहेज की ही होती हैं. सबसे बड़ी बात यह होती है कि शादी का पूरा खर्च भी लड़के पक्ष के द्वारा किया जाता है. बारातियों का स्वागत भी वे अपने घरों में सामान्य शादी की तरह ही करते हैं.
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