दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में इन दिनों सुबह-शाम हल्की ठंड का अहसास होता है, लेकिन यह स्थिति ज्यादा दिनों तक नहीं रहने वाली है। हालांकि, ठंड बढ़ेगी लेकिन प्रदूषण भी हमला बोलने वाला है। मौसम विभाग की मानें तो अगले कुछ दिनों में दिल्ली के साथ-साथ उत्तर भारत के कई राज्यों में अंधड़ चलने की आशंका है। बताया जा रहा है कि अरब सागर से उठ रही हवाएं चक्रवात का रूप धारण करने वाली हैं। ऐसी स्थिति में दिल्ली समेत पूरे उत्तर भारत में आसमान में दिन में भी अंधेरा छाया रहेगा। इसका असर धरती पर भी पड़ेगा। इससे जहां प्रदूषण बढ़ेगा, वहीं बुजुर्गों और बच्चों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं देखने को मिलेंगी।
पर्यावरण प्रदूषण नियंत्रण प्राधिकरण (ईपीसीए) ने यूरोपीय मौसम विभाग के हवाले से बताया है कि फिलहाल एंटी साइक्लोन (अंधड़) लक्ष्यदीप में है और इसके पूरे ईरान और पाकिस्तान के बाद उत्तर भारत में आने की आशंका जताई गई है। इस बाबत ईपीसीए भी सक्रिय हो गया है और इसकी जानकारी पर्यावरण मंत्रालय और मौसम विभाग को दी है। माना जा रहा है कि इस बाबत जल्द ही विभिन्न महकमों की बैठक हो सकती है, इसमें इसके प्रभाव की चर्चा होगी।
वहीं, ईपीसीए की सदस्य और चर्चति पर्यावरणविद् सुनीता नारायण ने कहा है कि जब धूल भरी हवाओं के आने की आशंका है तो उचित कदम उठाए जाने चाहिए। एक बार मंत्रालय से अनुमति मिल जाए तो उचित कदम उठाए जाएंगे।
वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक, अंधड़ के भारत में 10 अक्टूबर तक पहुंचने की आशंका जताई गई है और इसका प्रभाव तकरीबन एक सप्ताह तक रहेगा। वहीं, ईपीसीए ने बताया है कि बंगाल की खाड़ी में लो प्रेशर सिस्टम इंडो-गंगा के मैदानी इलाकों में बनेगा। इसके बाद दिल्ली-एनसीआर समेत पूरे उत्तर भारत में हवा में प्रदूषण का स्तर खराब होगा।
दिल्ली में बढ़ा प्रदूषण, कहीं फिर गैस चैंबर न बन जाए
विशेषज्ञों की मानें तो मौसम में बदलाव के साथ अक्टूबर के शुरुआती दिनों में ही दिल्ली-एनसीआर की हवा प्रदूषित होने लगी है। यह प्रदूषण जल्द ही लोगों की मुश्किलें बढ़ाने वाला है। फिलहाल सुबह व शाम के समय प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है और आने वाले दिनों में तो यह समस्या और विकट होने वाली है। कहा जा रहा है कि जल्द ही सरकार और अन्य सहयोगी एजेंसियों की ओर से उचित कदम नहीं उठाए गए तो दिल्ली में फिर गैस चैंबर जैसी स्थिति हो जाएगी। ऐसे में नंवबर, दिसंबर और अगले साल जनवरी भी दिल्ली-एनसीआर के साथ पूरे उत्तर प्रदेश पर भारी पड़ने वाला है।
पराली के जलने से दिल्ली समेत कई राज्य के लोग होंगे प्रभावित
विशेषज्ञों का कहना है कि कुछ दिनों बाद ही धान की कटाई जोर पकड़ने वाली है। ऐसे में 15 से 17 अक्टूबर के बीच जब पराली जलने का सिलसिला रफ्तार पकड़ेगा तो दिल्ली की हवा पर और अधिक असर पड़ने की आशंका है। पिछले कुछ सालों के दौरान दिल्ली-एनसीआर के लोग ज्यादा प्रभावित हो रहे हैं।
पिछले साल तो पराली ने दिल्ली, राजस्थान और यूपी तक अपना असर दिखाया है। इन राज्यों में हवा में प्रदूषण का स्तर खतरनाक पहुंच गया था, तो दिल्ली गैस चैंबर में तब्दील हो गई थी।
वहीं, एजेंसियों की तमाम कोशिश जारी है, बावजूद इसके दिल्ली का एयर इंडेक्स अक्टूबर की शुरुआत में ही खराब स्तर को छूने लगा है। सीपीसीबी के एयर बुलेटिन के अनुसार, दिल्ली का एयर इंडेक्स 201, भिवाड़ी का 298, गुरुग्राम का 292, फरीदाबाद का 206, गाजियाबाद का 248, ग्रेटर नोएडा का 202 और नोएडा का 257 दर्ज हुआ। ईपीसीए और सीपीसीबी ने इस साल करीब एक महीने पहले यानी सितंबर की शुरुआत में ही प्रदूषण से निपटने की तैयारियां शुरू कर दी थीं।
अक्टूबर दिल्ली-एनसीआर को करता रहा है परेशान
अक्टूबर में पिछले तीन सालों से दिल्ली में प्रदूषण की समस्या बढ़ रही है। यह सिलसिला इस बार भी जारी है। अक्टूबर 2015 में बेहद खराब स्तर के 9 दिन, 2016 में 4, 2017 में 14 दिन मिले, वहीं, खतरनाक स्तर के प्रदूषण की बात करें तो 2015 में यह नहीं था।
वर्ष 2016 में 3 और 2017 में एक दिन इस स्तर का प्रदूषण दिल्ली ने झेला। वहीं खराब स्तर के 2015 में 7, 2016 में 20 और 2017 में 10 दिन दिल्ली ने झेले। दिल्ली में इस साल अब तक 4 में से दो दिन खराब स्तर का प्रदूषण रहा है।
10 दिन बाद गर्मी को बाय-बाय
दिल्ली में अगले दस दिनों में गर्मी अलविदा कह देगी। सुबह-शाम के तापमान में भी फर्क महसूस होगा। दुर्गा पूजा और दशहरे का त्योहार भी सुहावने मौसम में मनेगा। 10 से 12 अक्टूबर के दौरान हल्की बारिश भी हो सकती है। अधिकतम तापमान 35-36 से लुढ़ककर 31-32 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच जाएगा, जबकि न्यूनतम तापमान 20 डिग्री के आसपास रहेगा। स्काईमेट वेदर के अनुसार, अरब सागर पर मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है। यह सिस्टम अगले कुछ दिनों में चक्रवाती तूफान लुबान का रूप लेगा। इसके साथ ही उत्तर भारत के पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ का असर दिखेगा। दोनों सिस्टम एक-दूसरे के पूरक बनकर मौसम में बदलाव लाएंगे।
लुबान आ रहा राहत लेकर
अक्टूबर के दूसरे सप्ताह में दिल्ली-एनसीआर के साथ उत्तर भारत में प्रदूषण परेशान करेगा, लेकिन दिल्ली और उत्तर भारत के कई इलाकों में दोपहर के समय लोगों को गर्मी से राहत दिलवाने के लिए ‘लुबान’ आ रहा है। अरब सागर पर एक मौसमी सिस्टम विकसित हो रहा है। यह सिस्टम अगले कुछ दिनों में चक्रवाती तूफान ‘लुबान’ का रूप लेगा। इसके साथ ही उत्तर भारत के पहाड़ों पर वेस्टर्न डिस्टरबेंस का असर भी दिखाई देगा। दोनों सिस्टम एक दूसरे के पूरक बनेंगे और इसकी वजह से पहाड़ों और मैदानी भागों के मौसम पर काफी असर पड़ेगा। विशेषज्ञों के मुताबिक, फारस की खाड़ी से लुबान नाम का तूफान चक्रवात मे तब्दील होकर सम्पूर्ण उत्तर भारत को गर्मी से राहत दिलाएगा।