पिछले दिनों मुझे देशभर की कई यूनिवर्सिटीज के स्टूडेंट्स के साथ संवाद का, उनकी एजुकेशन जर्नी के महत्वपूर्ण इवेंट्स में शामिल होने का अवसर प्राप्त हुआ है। टेक्नोलॉजी के जरिए मैं आईआईटी गुवाहाटी, आईआईटी दिल्ली, गांधीनगर की दीनदयाल उपाध्याय पेट्रोलियम यूनिवर्सिटी, दिल्ली के जेएनयू, मैसूर यूनिवर्सिटी और लखनऊ यूनिवर्सिटी के विद्यार्थियों से कनेक्ट हो पाया। देश के युवाओं के बीच होना बेहद तरो-ताजा करने वाला और ऊर्जा से भरने वाला होता है।

प्रधानमंत्री ने गुरु नानक देव जी के लंगर की परंपरा का जिक्र करते हुए कोरोना काल में सिख समुदाय द्वारा किए गए सेवा की सराहना की।
प्रधानमंत्री ने गुरु साहिब की सेवा का जिक्र करते हुए कहा कि गुरु साहब की मुझ पर विशेष कृपा रही जो उन्होंने मुझे हमेशा अपने कार्यों में बहुत करीब से जोड़ा है।
कल 30 नवंबर को हम श्री गुरु नानक देव जी का 551वां प्रकाश पर्व मनाएंगे। पूरी दुनिया में गुरु नानक देव जी का प्रभाव स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। वैंकुवर से वेलिंग्टन तक, सिंगापुर से साउथ अफ्रीका तक, उनके संदेश हर तरफ सुनाई देते हैं।
भारत की संस्कृति और शास्त्र, हमेशा से ही पूरी दुनिया के लिए आकर्षण के केंद्र रहे हैं। कई लोग तो, इनकी खोज में भारत आए और हमेशा के लिए यहीं के होकर रह गए तो कई लोग वापस अपने देश जाकर इस संस्कृति के संवाहक बन गए।
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