भारत अब स्पिन के खिलाफ कमजोर क्यों? 

भारत की टेस्ट क्रिकेट टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ मिली करारी हार के बाद कई सवाल उठ रहे हैं। भारत को गुवाहाटी में 408 रनों से हराकर दक्षिण अफ्रीका ने सीरीज में 2-0 से क्लीन स्वीप किया। इस हार ने भारतीय बल्लेबाजों की स्पिन के खिलाफ कमजोरी को उजागर कर दिया। इसी मुद्दे पर बोलते हुए भारत के पूर्व दिग्गज स्पिनर रविचंद्रन अश्विन ने कहा कि अब भारत दुनिया की सबसे खराब स्पिन खेलने वाली टीमों में से एक बन चुका है।

भारत स्पिन के खिलाफ सबसे कमजोर टीमों में’
अपने यूट्यूब चैनल पर ‘ऐश की बात’ में अश्विन ने कहा, ‘आज के दौर में हम शायद दुनिया के सबसे कमजोर स्पिन खेलने वाले बल्लेबाजी यूनिट हैं। यह अचानक नहीं हुआ, इसके पीछे वजह है।’ दक्षिण अफ्रीका के ऑफ-स्पिनर साइमन हार्मर ने दो मैचों में 17 विकेट लिए, जबकि केशव महाराज ने छह विकेट झटके। इससे पहले 2024 में न्यूजीलैंड के एजाज पटेल और मिचेल सैंटनर ने भी भारतीय बल्लेबाजों को परेशान किया था।

न्यूट्रल क्यूरेटर और बदलती पिच फिलॉसफी’
अश्विन ने बताया कि भारतीय घरेलू क्रिकेट की पिचों ने इस गिरावट में बड़ी भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, ‘हमारी प्रथम श्रेणी क्रिकेट अब हर जगह न्यूट्रल क्यूरेटर नियंत्रित करते हैं। इसका उद्देश्य बेकार पिचों को रोकना था, लेकिन इसका असर यह हुआ कि हमने स्पिन खेलने की क्षमता खो दी।’ उन्होंने कहा कि इस बदलाव से भारतीय टीम विदेशी परिस्थितियों में बेहतर पेस और सीम खेलना सीख गई है, लेकिन स्पिन बल्लेबाजी कमजोर हो गई।


‘स्पिन खेलने के लिए स्वीप जरूरी नहीं, डिफेंस जरूरी’
अश्विन ने बताया कि भारतीय बल्लेबाज बेसिक तकनीक भूल चुके हैं। उन्होंने कहा, ‘स्पिन खेलने का मतलब यह नहीं कि शुरुआत से स्विप या रिवर्स स्विप खेलो। पहले मजबूत डिफेंस बनाओ, फिर शॉट्स चुनो।’ उन्होंने कहा, ‘थकाने वाली, धैर्य वाली टेस्ट क्रिकेट। कम से कम न्यूजीलैंड ने रन बनाए और हम पर दबाव बनाने की कोशिश की। दक्षिण अफ्रीका ने ऐसा नहीं किया।’
‘दक्षिण अफ्रीका ने खेला असली टेस्ट क्रिकेट’
अश्विन ने दक्षिण अफ्रीका की खेल शैली की तारीफ करते हुए कहा, ‘उन्होंने क्लासिक एट्रिशनल टेस्ट क्रिकेट खेला। हर सेशन में 80 रन, सटीक गेंदबाजी, कसा हुआ फील्ड सेट और स्पिनर्स को लंबे स्पेल। इसी तरह की क्रिकेट भारत में जीत दिलाती है।’ गुवाहाटी की जीत ने दक्षिण अफ्रीका को 25 साल बाद भारत में पहली टेस्ट सीरीज जीत दिलाई। वहीं, यह हार भारत की रन अंतर से सबसे बड़ी टेस्ट हार रही।


भारत को सुधार कैसे मिलेगा?
अश्विन के बयान ने भारतीय क्रिकेट सिस्टम पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या भारत को फिर से स्पिन-फ्रेंडली घरेलू क्रिकेट, तकनीकी सुधार और लंबे प्रारूप पर प्राथमिकता लौटानी होगी? इसी का जवाब तय करेगा कि क्या भारत टेस्ट क्रिकेट में अपनी खोई पहचान वापस पा पाएगा या नहीं।

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