पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर गतिरोध के बीच चीन ताइवान को लेकर भारतीय मीडिया के कवरेज से बौखला गया है। चीन का कहना है कि भारतीय मीडिया चीन की आलोचना करने को हमेशा मौके तलाशने की फिराक में रहता है।
दरअसल, 19 मई को भारतीय मीडिया में प्रकाशित एक खबर में ताइवान के विश्व स्वास्थ्य सभा में शामिल होने की मांग को लेकर भारत के समर्थन को जरूरी बताया गया था।
चीन के सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स ने कहा कि दो बड़ी एशियाई महाशक्तियों के बीच गलतफहमी पैदा करने में भारतीय मीडिया ने बड़ी भूमिका निभाई है।
ऐसा तब हो रहा है जब पश्चिमी शक्तियां यही चाहती है कि भारत और चीन के बीच कटुता बढ़े। लेख में कहा गया है कि भारतीय मीडिया चीन पर कड़ी नजर रखता है।
भारतीय मीडिया का मानना है कि दक्षिण एशिया में चीन का कोई भी कदम भारत के खिलाफ साजिश है और चीन के कदमों का भारत के क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय रूख पर असर पड़ेगा।
इतना ही नहीं ग्लोबल टाइम्स ने भारतीयों को भी अवसरवादी मानसिकता से ग्रसित करार दिया। लेख के मुताबिक, कई भारतीय यह सोचते हैं कि अमेरिका और चीन के बीच प्रतिद्वंद्विता से भारत को लाभ पहुंचेगा।
भारतीय मीडिया पश्चिमी देशों के प्रभाव में है और इससे उसे कोई फायदा नहीं होने जा रहा है।