भारतीय नौसेना 10 मार्च को मुंबई में तीसरी स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बी आईएनएस करंज को कमीशन करेगा। भारतीय नौसेना ने पहले ही INS कलवरी और INS खांदेरी नामक वर्ग की दो पनडुब्बियों को शामिल कर लिया है। बता दें कि मुंबई मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) पर स्कॉर्पीन श्रेणी की तीसरी पनडुब्बी आइएनएस ‘करंज’ को 2018 की शुरुआत में लॉन्च किया गया था। प्रोजेक्ट 75 प्रोग्राम के तहत एमडीएल द्वारा बनाई गई तीसरी पनडुब्बी है। कलवरी और खांदेरी के बाद करंज की ताकत देखकर दुश्मनों के पसीने छूट जाएंगे।
करंज एक स्वदेशी पनडुब्बी है जो मेक इन इंडिया के तहत तैयार की गई है। करंज के साथ ही भारत ने पनडुब्बी बनाने वाले देश के तौर पर अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है। मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड भारतीय नेवी की जरूरतों और आकांक्षाओं को पूरी क्षमता के साथ पूरा करने के लिए भारत के प्रमुख शिपयार्डो में से एक है।
‘करंज’ की ताकत
स्कॉर्पीन पनडुब्बी ‘करंज’ दुश्मनों को चकमा देकर सटीक निशाना लगा सकती है। करंज की यह खूबी चीन और पाकिस्तान जैसे देशों की मुश्किलें बढ़ा देगा। इसके साथ ही ‘करंज’ टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से हमले भी कर सकती है। इसमें सतह पर पानी के अंदर से दुश्मन पर हमला करने की खासियत भी है।
– कंरज पनडुब्बी 67.5 मीटर लंबा, 12.3 मीटर ऊंचा, 1565 टन वजनी है।
-दुश्मन को ढूंठकर उस पर सटीक निशाना लगा सकती है।
– करंज टॉरपीडो और एंटी शिप मिसाइलों से भी हमले कर सकती है।
– करंज रडार की पकड़ में नहीं आ सकता है।
– जमीन पर हमला करने में सक्षम है करंज।
– करंज पनडुब्बी में ऑक्सीजन बनाने की भी क्षमता।
– लंबे समय तक पानी में रह सकती है करंज पनडुब्बी।