आभासी पटरियों यानी वर्चुअल ट्रैक्स पर चलने वाली एक भविष्य की ट्रेन को चीन में शुरू कर दिया गया है। सिचुआन प्रांत में अपनी तरह की दुनिया की पहली इस ट्रेन के लिए पटरियां नहीं बिछाई गई हैं।
आप सोच रहे होंगे कि तो यह चलती कैसे है। दरअसल, यह लोकोमोटिव पारंपरिक पटरियों के बजाय सेंसर के एक नेटवर्क का उपयोग करती है। इस ट्रेन की खबर दो साल पहले सामने आई थी, लेकिन पहली बार इसे दुनिया के सामने पेश किया गया है। ‘एआरटी टी 1’ नाम की यह ट्रेन भौतिक पटरियों की बजाय सड़क के आयाम की निगरानी करती है और अपना रास्ता तय करती है।
वर्चुअल रेलवे शहर यिबिन के बीच से होकर 17.7 किमी का सफर तय करती है। इसे बनाने में करीब 12 करोड़ पाउंड का खर्च आया है। ट्रेन के कंट्रोल के पीछे एक ड्राइवर बैठा रहता है, लेकिन वह इस ट्रेन को चलाता नहीं है।
ट्रेन की प्रणाली में कोई खराबी आने या आपातकाल के मामले में सतर्क रहने के लिए वह ट्रेन में बैठा रहता है। यदि ट्रेन निर्धारित पीली लाइनों के बाहर खड़ी हो जाती है या कोई बाधा आती है, तो यह ट्रेन ऑटोमैटिक से मैनुअल मोड में आ जाती है।