राजधानी दिल्ली के अपर मुख्य सचिव (शहरी विकास) नवीन कुमार चौधरी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भवन निर्माण गतिविधि को एमसीडी और अन्य स्थानीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र में विनियमित करते हैं।
अब भवन निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। राजधानी दिल्ली के अपर मुख्य सचिव (शहरी विकास) नवीन कुमार चौधरी ने इस संबंध में आदेश जारी किया है। इसमें कहा गया है कि भवन निर्माण गतिविधि को एमसीडी और अन्य स्थानीय निकाय अपने अधिकार क्षेत्र में विनियमित करते हैं।
डीएमसी अधिनियम, 1957 की धारा 312/313 लेआउट योजना को अंतिम रूप देने, डीएमसी अधिनियम, 1957 की धारा 336 भवन योजना की मंजूरी और धारा 346 अधिभोग/पूर्णता प्रमाण पत्र के लिए वही प्रावधान करती है। डीएमसी अधिनियम, 1957 के तहत ऐसा कोई प्रावधान नहीं है जिसके तहत किसी व्यक्ति को निर्माण कार्य करने के लिए पुलिस से अनुमति लेने की आवश्यकता हो।
उक्त निर्माण के संबंध में एमसीडी को सूचना देने, ऐसे अपराध की जांच करने और अनुवर्ती कार्रवाई करने से संबंधित कुछ प्रावधान हैं, लेकिन देखा गया है कि पुलिस को लेकर एक डर का माहौल होता है।
यह गलत धारणा प्रचलित है कि किसी व्यक्ति को भवन निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति लेने की आवश्यकता होती है। इसके अलावा कभी-कभी किराया मांगने के उद्देश्य से इन प्रावधानों का दुरुपयोग किया जाता है। इस समस्या को देखते हुए पुलिस को निर्देश दिया जाता है कि वे अपने क्षेत्र के अधिकारियों को कानून के प्रावधान के दुरुपयोग को रोकने और इस गलत धारणा को दूर करने के लिए जागरूक करें।
साथ ही, बताएं कि किस भवन निर्माण के लिए पुलिस से अनुमति की आवश्यकता है। पुलिस को नियम के तहत स्थानीय निकाय को उचित मदद करनी होगी।