विवाहित भतीजी के नाम दर्ज जमीन का बैनामा कराने के बाद उसकी हत्या कर शव कुएं में फेंकने के मामले में एडीजे-4 की कोर्ट ने पिता-पुत्र को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। दोनों पर 12-12 हजार रुपये का जुर्माना भी किया है।

कानपुर नगर के घाटमपुर थाना क्षेत्र के कंधरा गांव की सुनीता पत्नी जसवंत सिंह की हत्या चाचा गोरेलाल पाल व पुत्र कल्लू ने कर दी थी। सुनीता के माता-पिता न होने से मायके में उसे 0.5212 हेक्टेयर जमीन मिली थी। जमीन हड़पने के लिए चाचा सुनीता को उसकी ससुराल जरकला थाना विधनू कानपुर नगर से 29 जून 1998 को विदा करा लाया था। 30 जुलाई को पति जसवंत कंधरा पहुंचा तो गोरेलाल ने बीमारी का बहाना कर विदा करने से मना कर दिया।
जसवंत के मुताबिक सुनीता ने उसे बताया था कि गोरेलाल ने उसे डरा धमका कर जमीन का बैनामा करा लिया है। 30 जुलाई की रात ही गोरेलाल व पुत्र कल्लू ने सुनीता की हत्या कर शव गांव के बाहर कुएं में फेक दिया। 2 अगस्त 1998 को शव बरामद होने पर जसवंत ने गोरेलाल व उसके बेटे के खिलाफ घाटमपुर थाने में हत्या की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। मामले की सुनवाई एडीजे-4 अमरजीत की कोर्ट में चल रही थी। एडीजीसी प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि कोर्ट ने दोनों पर दोष सिद्ध मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
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