भंडारा की घटना के बाद उद्धव ठाकरे ने सभी अस्पतालों के फायर ऑडिट की बात कही थी लेकिन ऐसा लगता है ऑडिट हुआ ही नहीं : देवेंद्र फडणवीस

कोरोना संकट से जूझ रहे महाराष्ट्र में शुक्रवार को एक बड़ा हादसा हुआ. मुंबई के एक कोविड अस्पताल आग लगने के कारण दस लोगों की मौत हो गई. अस्पताल की सुविधाओं और स्थिति को लेकर कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं. महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस ने फिर उद्धव सरकार को घेरा है.

देवेंद्र फडणवीस ने शुक्रवार को कहा कि भंडारा की घटना के बाद मुख्यमंत्री ने सभी अस्पतालों के फायर ऑडिट की बात कही थी, लेकिन ऐसा लगता है कि किसी भी अस्पताल का ऑडिट ही नहीं हुआ है.

बीजेपी नेता ने सवाल किया कि सरकार कितनी और मौतों के बाद जागेगी. राज्य में जितने मेक-शिफ्ट अस्पताल बनाए गए हैं, उनका भी फायर ऑडिट होना चाहिए. आज अस्पताल में रेस्क्यू करने में भी काफी दिक्कतें आई हैं. ये घटना बीएमसी, सरकार की लापरवाही को दिखाती है.

देवेंद्र फडणवीस ने मांग की है कि घटना की जांच होनी चाहिए और जो भी दोषी हैं, उनपर एक्शन लेना चाहिए. मुख्यमंत्री को इस मामले की जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी.

आपको बता दें कि मुंबई के भांडुप में बने एक कोविड अस्पताल में आग लगने से दस लोगों की मौत हो गई थी. शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी घटनास्थल का दौरा किया था और मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का ऐलान किया.

महाराष्ट्र में हाल ही में सामने आए फोन टेपिंग के मामले को लेकर भी देवेंद्र फडणवीस ने राज्य सरकार को घेरा. बीजेपी नेता ने कहा कि ये रिपोर्ट ऐसा लगता है कि सरकार के किसी मंत्री ने तैयार की है.

देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि टेलीग्राफ एक्ट में साफ तौर पर कहा कि कोई भी गुनाह होगा उसकी जानकारी हो तो ये काम किया जा सकता है. बीजेपी नेता बोले कि ये जो रिपोर्ट है इसमें कहा गया कि रिपोर्ट खुलने से कई अधिकारियों पर एक्शन हुआ. अगर जरूरत पड़ती है, तो हम कोर्ट में भी अपनी बात रखेंगे.

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