उप्र. राज्य सड़क परिवहन निगम के 18 हजार कर्मियों को जल्द ही 7वां वेतनमान मिलेगा। वहीं, 600 पद सृजित कर मृतक आश्रितों को कोटे में नौकरी दी जाएगी। 10 दिन में इस संबंध में प्रस्ताव कैबिनेट से मंजूर होगा।
शासन और रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद के बीच रविवार को हुए इस समझौते के बाद 8 अप्रैल की रात 12 बजे से होने वाली कर्मचारियों की हड़ताल स्थगित हो गई है।
संयुक्त परिषद के प्रांतीय अध्यक्ष चंद्रशेखर पांडेय एवं प्रांतीय महामंत्री गिरीश चंद्र मिश्र ने बताया कि प्रमुख सचिव (परिवहन) आराधना शुक्ला और प्रबंध निदेशक पी. गुरु प्रसाद के साथ हुई बातचीत में मांगों पर सहमति बनने के बाद रोडवेज कर्मियों की हड़ताल स्थगित कर दी गई है।
वार्ता में कर्मचारियों को 10 दिन में 7वां वेतनमान, मृतक आश्रितों को नौकरी और संविदा ड्राइवरों-कंडक्टरों को फिक्स वेतन देने सहित सभी मांगों पर सहमति बनी है। प्रबंध निदेशक ने महंगाई भत्ते की किस्त का आदेश तत्काल जारी कर दिया, जबकि एसीपी एवं वेतन विसंगति के मुद्दे पर एक माह में समस्या के निराकरण का आश्वासन मिला है।
कर्मचारी नेताओं ने बताया कि लिखित समझौता का आदेश हासिल होने के बाद प्रदेश के सभी संगठन पदाधिकारियों को हड़ताल स्थगित होने की सूचना भेज दी गई है।
डीए लागू, 1000 बढ़ा वेतन
परिवहन निगम ने समझौते के तत्काल बाद जुलाई 2016 की 7 फीसदी महंगाई भत्ते की बकाया किस्त देने का आदेश जारी कर दिया है। निगम कर्मियों का महंगाई भत्ता 125 से बढ़कर अब 132 फीसदी हो गया है। इससे हर कर्मचारी का 1000-1000 रुपये वेतन बढ़ गया। हालांकि जनवरी 2017 की एक किस्त बाकी है।
संविदा कर्मी पाएंगे 14 हजार फिक्स वेतन
संविदा ड्राइवर-कंडक्टर अब एक माह में 24 दिन ड्यूटी और 5000 किमी बस का संचालन करेंगे तो उनको 14 हजार रुपये का फिक्स वेतन दिया जाएगा। फिक्स वेतन के लिए निगम दूसरी कैटेगरी को निदेशक मंडल की बैठक में पास कराएगा। अब तक उत्कृष्ट श्रेणी के संविदा ड्राइवर-कंडक्टर 17 हजार फिक्स वेतन पाते हैं।
संविदा की नौकरी पक्की होगी
परिवहन निगम में 31 दिसंबर 2001 तक संविदा ड्राइवर-कंडक्टर के रूप में जॉइन करने वालों की नौकरी पक्की होगी। ऐसे कर्मचारियों की तादाद एक हजार से अधिक बताई गई है। वहीं ऑन ड्यूटी के दौरान घायल होने वाले संविदा ड्राइवर-कंडक्टर 2.50 लाख रुपये का उपचार निगम की रकम से करा सकेंगे।