जल्द ही आप अपनी निजी कार का टैक्सी के तौर पर प्रयोग कर सकेंगे। इसके लिए केंद्र सरकार जल्द ही उस प्रस्ताव को हरी झंडी देने जा रही है, जिसके बाद आप अपनी गाड़ी से कमाई भी कर सकेंगे। अभी केवल कमर्शियल परमिट वाली गाड़ियां ही टैक्सी के तौर पर देश भर में चलती है। कर सकेंगे राइड शेयर
कार पूलिंग और वाहन मालिकों को फायदा पहुंचाने तथा सड़कों पर से गाड़ियों का बोझ खत्म करने के लिए सरकार यह कदम उठाने जा रही है। अगर सरकार यह प्रस्ताव पास कर देती है तो फिर ओला या उबर जैसी कंपनियों के साथ कोई भी व्यक्ति अपनी गाड़ी को टैक्सी के तौर पर प्रयोग कर सकेगा।
नीति आयोग ने तैयार की रिपोर्ट
नीति आयोग और केंद्र सरकार के कई मंत्रालयों द्वारा तैयार की गई एक रिपोर्ट में इस प्रस्ताव के बारे में जिक्र किया गया है। इस प्रस्ताव में सरकार ने साफ किया है कि यात्रियों की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा और बैकग्राउंड वेरिफिकेशन होने के बाद ही गाड़ी मालिकों को टैक्सी के तौर पर कार चलाने की अनुमति दी जाएगी। प्राइवेट गाड़ियों में सुरक्षा पर पूरा ध्यान रखा जाएगा।
अकेले दिल्ली में 70 फीसदी लोग चलते हैं अकेले
दिल्ली में 70 फीसदी गाड़ियां ऐसी हैं, जिनमें लोग अकेले ही ऑफिस आने जाने के लिए प्रयोग करते हैं। अगर इन गाड़ियों को राइड शेयर करने का परमिट दे दिया जाए तो जाम की समस्या से काफी हद तक मुक्ति मिल सकेगी। अभी अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और सिंगापुर में उबर को प्राइवेट कार को टैक्सी के तौर पर प्रयोग करने की अनुमति मिली हुई है।
प्राइवेट गाड़ियों की संख्या पर लगे लगाम
सड़क परिवहन मंत्री नीतिन गडकरी ने पिछले महीने एक समारोह में बोलते हुए कहा था कि वो प्राइवेट गाड़ियों की संख्या पर लगाम लगाना चाहते हैं। इसके साथ ही जो मोटर वाहन मालिक अपना वाहन सड़कों पर पार्क करते हैं, उन पर जुर्माना लगाने के लिए सरकार एक नीति बना रही है। इसमें आम नागरिकों को भी सहभागी बनाया जाएगा और उन्हें दोषी द्वारा वसूले गए जुर्माने में से 10 फीसदी राशि प्रोत्साहन के रूप में दी जाएगी।
उद्योग संगठन फिक्की द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान गडकरी ने बताया कि प्रस्तावित नियम में आम नागरिकों को भी अधिकार से लैस किया जाएगा। इसमें नागरिकों को सिर्फ इतना करना होगा कि सड़कों पर पार्क वाहन की फोटो खींच कर ट्रैफिक विभाग को भेज दें।
उसके बाद ट्रैफिक विभाग उस वाहन मालिक को जुर्माने का चालान भेजेगा। अच्छी बात यह है कि इस प्रक्रिया में जो नागरिक पुलिस विभाग की सहयोग करेगा, उसे जुर्माने की रकम में से प्रोत्साहन राशि मिलेगी।
लंदन की तरह हो चुस्त प्रणाली
इस दौरान गडकरी ने बताया कि वह लंदन के सार्वजनिक परिवहन के साधनों से प्रभावित हैं। वहां सार्वजनिक परिवहन के लिए दो मंजिला इलेक्ट्रिक बसें चलती हैं, जो पर्यावरण को जरा भी नुकसान नहीं पहुंचाती हैं।
वह चाहते हैं कि भारत में भी इस तरह की बसें चलें और यहां भी लंदन की तरह चुस्त-दुरूस्त सार्वजनिक परिवहन प्रणाली हो। इसके लिए वह लंदन के प्रशासन से एक समझौते पर हस्ताक्षर कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि अगले महीने ही लंदन के महापौर भारत की यात्रा पर आ रहे हैं। इसी दौरान उनकी लंदन के महापौर से मुलाकात होगी और एक एमओयू पर हस्ताक्षर किया जाएगा।