बिहार में भले ही विधानसभा चुनाव का औपचारिक ऐलान न हुआ है, लेकिन सियासी सरगर्मियां काफी तेज हो गई हैं. ऐसे में आने वाले सप्ताह में चुनावी अभियान की धार ओर भी तेज देखने को मिलेगी. कांग्रेस और जेडीयू 7 सिंतबर को एक ही दिन अपने-अपने ‘बिहार मिशन’ का शंखनाद करेंगे. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 11 सितंबर को दिल्ली से बिहार को 18 करोड़ की परियोजनाओं का सौगात देकर चुनावी बिगुल फूंकेंगे.
बिहार में अपने जनाधार को वापस लाने और चुनावी भाग्य को पुनर्जीवित करने के लिए राहुल गांधी 7 सिंतबर को चुनावी अभियान का आगाज करेंगे. कांग्रेस बिहार में वर्चुअल रैली के जरिए पार्टी कार्यकर्ताओं और लोगों को साधने का काम करेगी. कांग्रेस ने इसे बिहार क्रांति वर्चुअल महासम्मेलन का नाम दिया है. हालांकि, पहले ये सम्मेलन 1 सितंबर से होना था, लेकिन प्रणब मुखर्जी के निधन के बाद बिहार क्रांति महासम्मेलन की तारीख 7 सितंबर कर दी गई. कांग्रेस ने बिहार की 84 विधानसभा क्षेत्रों में वर्चुअल महासम्मेलन करके अपने सियासी समीकरण को साधने की रणनीति बनाई है.
सोनिया-राहुल गांधी करेंगे संबोधित
बिहार क्रांति महासम्मेलन को सफल बनाने के लिए कांग्रेस जिला अध्यक्षों को निर्देश दिए जा चुके हैं. इसके लिए हर सम्मेलन में कम से कम आठ से दस हजार लोगों शामिल करना सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा गया है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष मदन मोहन झा ने कहा है कि जेडीयू सिर्फ एक वर्चुअल रैली कर रही है, पर कांग्रेस 7 सितंबर से लगातार 38 जिलों में वर्चुअल रैली करेगी और यह सम्मलेन लगातार दो सप्ताह चुनाव तक जारी रहेगा. राहुल गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करने का काम करेंगी.
वहीं, जेडीयू भी बिहार विधानसभा चुनाव का शंखनाद 7 सितंबर को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की रैली के साथ करने जा रही है. जेडीयू ने इस रैली को ‘निश्चय संवाद’ का नाम दिया है. नीतीश कुमार वर्चुअल रैली के जरिए अपने 15 साल के काम को जनता और पार्टी कार्यकर्ताओं के सामने रखेंगे. बिहार चुनाव के मद्देनजर नीतीश कुमार की यह पहली रैली है. ऐसे में जेडीयू नेताओं की कोशिश है कि नीतीश की पहली रैली को बिहार के हर गांव-चौक-चौराहों तक पहुंचकर सफल बनाएं.
सीएम नीतीश का ‘निश्चय संवाद’
नीतीश कुमार के ‘निश्चय संवाद’ के साथ ही जेडीयू 10 लाख लोगों को लाइव जोड़ने की क्षमता वाले अपने वर्चुअल प्लेटफार्म जेडीयू लाइव डाटकाम की भी शुरुआत करेगा. इतनी ही नहीं फेसबुक, टि्वटर एकाउंट के अलावा सोशल मीडिया के अन्य प्लेटफार्म से भी नीतीश कुमार की रैली को लाइव प्रसारण करने की पार्टी ने रणनीति बनाई है. नीतीश के संबोधन से 15 साल की उपलब्धियों को गिनाया जाएगा तो जेडीयू का चुनावी एजेंडा भी स्पष्ट हो जाएगा.
बिहार में अगले सप्ताह की शुरुआत राहुल गांधी और नीतीश कुमार की रैली से होगी तो अंत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन से होगा. पीएम मोदी 11 सिंतबर के दिन बिहार के तीन मेगा ब्रिज और पांच सड़क की सौगात देंगे. इन सभी परियोजनाओं की लागत 18 हजार करोड़ रुपये है और बिहार के 9 जिलों को सीधा लाभ मिल सकेगा. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी का इसे मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है.
पीएम मोदी परियोजनाओं को दिखाएंगे हरी झंडी
पीएम नरेंद्र मोदी बिहार में जिन परियोजनाओं को हरी झंडी दिखाएंगे. इसमें पटना-गया-डोभी एनएच, रजौली-बख्तियारपुर एनएच,आरा-मोहनिया एनएच, नरेनपुर- पूर्णिया एनएच, पटना रिंग रोड (कन्हौली-रामनगर) परियोजना के साथ तीन मेगा ब्रिज. गांधी सेतु के समानांतर नया पुल, भागलपुर में नया बिक्रमशिला सेतु, बिहपुर में फुलौत पुल का भी शिलान्यास होगा.
बता दें कि 2015 के विधानसभा चुनाव में पीएम मोदी ने बिहार के लिए जिस सवा लाख करोड़ पेकेज का ऐलान किया था ये सभी प्रोजेक्ट उसी पैकेज का हिस्सा है. ये सभी परियोजनाएं काफी लंबी अवधि से अटकी पड़ी थीं. चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी इसका आगाज कर बड़ा दांव चल रहे हैं. बिहार की यह पहली सड़क थी, जो पीपीपी मोड में बनाई जानी थी. हालांकि, देखना है कि बीजेपी का दांव कितना सफल रहता है.