26 मई 2014 को नरेन्द्र मोदी ने देश के प्रधानमंत्री के तौर पर शपथ ली थी। कल मोदी सरकार को 3 साल हो गए थे। इन तीन सालों में उन्होंने देश के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया। देश की विदेश नीति को मजबूत करने के लिए लगातार विदेश यात्राएं करते रहे, ताकि अन्य देशों में अच्छे सम्बन्ध बन सकें। जबकि विपक्ष उनके इसी दौरे की वजह से उनपर जमकर निशाना साधता था।
नरेन्द्र मोदी ने देश का प्रधानमंत्री बनने के बाद एक दिन का भी अवकाश नहीं लिया। वह देश के विकास के लिए दिन-रात मेहनत भी करते रहे। इसी दौरान उन्होंने यह भी कहा था कि मैं देश के विकास के लिए दिन-रात गधे की तरह काम करता हूं। विपक्ष ने इसका भी मजाक उड़ाया। जबकि उनका कहना था कि जैसे गधा बिना शिकायत किये अपना काम करता रहता है, वैसे ही मैं भी अपना काम करता हूं।
हर वर्ग और समुदाय के लिए किया काम:
उन्होंने देश के हर वर्ग-समुदाय के लोगों की बात सुनी और उनके विकास के लिए योजनाएं चलायीं। देश के वृद्धों के लिए अटल पेंशन योजना, स्वच्छ भारत अभियान, डिजीटल इंडिया चलाकर इन्होने देश को एक नई राह प्रदान की। इनकी पार्टी का नारा है “सबका साथ-सबका विकास”। यह दिख भी रहा है, नरेन्द्र मोदी हर समुदाय को एक साथ मिलाकर चल रहे हैं। पिछले कुछ समय से जातिगत राजनीति लगभग बंद ही हो गयी है।
युवाओं को मिलेंगे नौकरी के नए-नए मौके:
अब जब मोदी सरकार ने 3 साल सफलता पूर्वक पूरे कर लिए हैं, तो इस मौके पर मोदी सरकार ने एक नई नीति की घोषणा की है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संपदा योजना स्कीम फॉर एग्रो मरीन प्रोसेसिंग ऐंड डेवेलपमेंट ऑफ एग्रो प्रोसेसिंग क्लस्टर्स को देश के लिए समर्पित किया है। इस स्कीम से फूड प्रोसेसिंग सेक्टर को बढ़ावा मिलेगा और युवाओं को रोजगार मिलेगा। उन्होंने कहा कि इस स्कीम से ग्रामीण भारत में सम्पन्नता आएगी और रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे।
किसानों को नहीं मिलता उनके हक का पैसा:
पीएम मोदी ने कहा कि किसानों को उनकी मेहनत के हिसाब से पैसे नहीं मिलते हैं। किसान आम बेचता है तो उसकी कीमत कम होती है, लेकिन अचार की कीमत ज्यादा होती है, ठीक ऐसे ही टमाटर कम कीमत में बिकता है जबकि इससे बना हुआ केचप काफी महंगा बिकता है। पीएम ने 2022 तक किसानों की आय को दोगुना करने के अपने वादे को दोहराते हुए सदा काल, हरित काल का उद्घोषण किया। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि देश को दूसरी हरित क्रांति से आगे की बात करनी चाहिए।