श्रीराम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बेहद खास रिटायर्ड आईएएस ऑफिसर नृपेंद्र मिश्र सोमवार को अयोध्या आ रहे हैं। उनका फोकस राममंदिर की नींव खोदाई की तैयारी के साथ आधुनिक अयोध्या के ब्लूप्रिंट पर होगा। यहां अंतरराष्ट्रीय स्तर की तमाम सुविधाएं कारपोरेट इनवेस्टमेंट से सजाने की तैयारी है।
पीएम मोदी ने 5 अगस्त को श्रीराम जन्मभूमि पर राममंदिर के भूमिपूजन कार्यक्रम में कहा था कि इस मंदिर के बनने के बाद अयोध्या की सिर्फ भव्यता ही नहीं बढ़ेगी, इस क्षेत्र का पूरा अर्थतंत्र भी बदल जाएगा। यहां हर क्षेत्र में नए अवसर बनेंगे, हर क्षेत्र में अवसर बढ़ेंगे। सोचिए, पूरी दुनिया से लोग यहां आएंगे, पूरी दुनिया प्रभु राम और माता जानकी का दर्शन करने आएगी, कितना कुछ बदल जाएगा यहां..।
सूत्र बताते हैं कि पीएम के लौटने के बाद दिल्ली में अयोध्या के विकास को लेकर बड़ा ब्लूप्रिंट तैयार हुआ है। इससे मुताबिक तैयारी मुकम्मल करने के लिए सर्वे से लेकर तैयारी में जानी-मानी एजेंसियों समेत केंद्र व राज्य सरकार की टीमें लगाई गईं हैं। 3 सितंबर को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्कृति विभाग की ओर से तैयार की गई अयोध्या के समेकित पर्यटन विकास की योजना में इसका एक स्वरूप भी देखा। सोलर सिटी से लेकर दो हजार करोड़ से कायाकल्प की घोषणा भी की।
सूत्रों के अनुसार अयोध्या विकास प्राधिकरण का बढ़ा दायरा 15 सितंबर के बाद शासन से स्वीकृत हो सकता है। आकार 138 गुना बढ़कर अयोध्या समेत गोंडा-बस्ती जिले की सीमा में कुल 87 हजार 281 हेक्टेयर हो जाएगा, जिसमें नगर निगम अयोध्या के साथ जिले की भदरसा नगर पंचायत व 155 गांव शामिल होंगे। जबकि गोंडा की नवाबगंज नगर पालिका समेत 62 गांव और बस्ती के 90 गांव शामिल हो जाएंगे। सूत्र बताते हैं कि विस्तार के बाद आधुनिक अयोध्या का स्वरूप कैसा हो, इसकी तैयारी भी पीएम की ओर से नृपेंद्र मिश्र के जरिए अंतिम रूप देने की तैयारी है। नृपेंद्र मिश्र भूमि पूजन कार्यक्रम में नहीं आए थे।
शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि अयोध्या के विकास को लेकर सीधे पीएमओ की नजर है। कई एजेंसियों को यहां पर्यटकों की बढ़ने वाली संख्या को देखते हुए जनसुविधाएं विकसित करने की योजना तैयार करने की जिम्मेदारी दी गई है। बताते हैं कि अयोध्या में दो तरह के शहर बसाने की योजना है। एक पूरी तरह धर्ममय सरोकारों से लेकर आध्यात्मिकता से ओतप्रोत होगा, इसमें कई बड़े कॉरपोरेट घराने रुचि ले रहे हैं।
तमाम पंथ में यहां रहने, ठहरने से लेकर जीवन-मृत्यु तक का पौराणिक महत्व है, ऐसे में रिहायशी कॉलोनी और आश्रम को लेकर कई आफर आए हैं। इक्क्षाकु नगरी इसी का एक प्रारूप था। दूसरा ड्राई एरिया से बाहर बस्ती व गोंडा के इलाके में आधुनिक सुख-सुविधायुक्त होेगा। शहरों में रंगीन नाइटलाइफ, बढ़ती कॉरपोरेट संस्कृति और युवाओं के लिए पब, क्लब, संगीत और जीवंत रेस्तरां का भी ध्यान रखते हुए प्लान की जा रही हैं। देश के कई बड़े औद्योगिक घराने यहां बड़े पैमाने पर इनवेस्ट करने को तैयार हैं।