मध्यप्रदेश में 28 सीटों पर उपचुनाव होने हैं, ऐसे में सभी पार्टियों द्वारा इन सीटों पर जीत हासिल करने के लिए तैयारियां जोरो-शोरों पर हैं। इसी बीच, सूबे के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने किसानों को उपचुनाव से पहले बड़ी सौगात दी है। सीएम चौहान ने सहकारी बैंकों को 800 करोड़ रुपये दिए हैं, ताकि वे राज्य में किसानों को 0 फीसदी ब्याज पर ऋण मुहैया करा सकें।

इससे पहले, मुख्यमंत्री चौहान ने एलान किया कि अब किसानों को हर साल 10 हजार रुपये की मदद दी जाएगी। सीएम चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री कल्याण योजना के तहत किसानों को दो किस्तों में चार हजार रुपये दिए जाएंगे। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कल्याण स्कीम के तहत छह हजार रुपये भी किसानों को सौंपे जाएंगे।
मध्यप्रदेश में इस साल खाली सीटों पर उपचुनाव होने वाले हैं। ऐसे में भाजपा को अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए कम से कम नौ सीटों पर कब्जा जमाना होगा। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने हाल ही में कहा था कि राज्य में होने वाले उपचुनाव प्रदेश के भविष्य को तय करने वाला चुनाव है।
माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री की तरफ से यह सौगात उपचुनाव को ध्यान में रखकर दिया गया है, ताकि सत्ता पक्ष को अपनी कुर्सी बचाने के लिए जीत हासिल हो सके।
किसानों को इससे पहले मुख्यमंत्री की तरफ से कर्जमाफी की सौगात भी दी गई थी। हालांकि, इसमें कई किसानों का एक रुपया तो किसी का पांच रुपया माफ किया गया, इसको लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरा था।
वहीं, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का खुद को ‘टेंपरेरी’ (अस्थायी) मुख्यमंत्री बताने वाला बयान राजनीतिक गलियारों में चर्चा का विषय बना हुआ है। दरअसल, मुख्यमंत्री ने रविवार को मंदसौर जिले के सुवासरा विधानसभा में थे।
उन्होंने यहां विकास कार्यों का लोकापर्ण किया। इस दौरान शिवराज ने कहा कि अभी टेंपरेरी मुख्यमंत्री हूं, उपचुनाव में जीत नहीं हासिल हुई तो टेंपरेरी मुख्यमंत्री ही रह जाऊंगा, यहां से जीत मिलने के बाद स्थायी मुख्यमंत्री हो जाऊंगा।
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