भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर बृहस्पतिवार को हुए हमले के मामले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि दक्षिण 24 परगना जिले में चार लोगों को फाल्ता थाना क्षेत्र तथा तीन लोगों को उश्ती थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया गया। उन्होंने कहा कि सातों व्यक्तियों को दंगा, लोकसेवक के काम में बाधा डालने सहित भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया है।
नड्डा के काफिले पर बृहस्पतिवार की सुबह तृणमूल कांग्रेस के कथित कार्यकर्ताओं ने तब हमला किया था जब वह भाजपा कार्यकर्ताओं की बैठक को संबोधित करने दक्षिण 24 परगना जिला स्थित डायमंड हार्बर जा रहे थे। भगवा दल के सूत्रों ने दावा किया कि हमले में वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय सहित पार्टी के कई नेता घायल हो गए। हमले के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ दो स्वत: संज्ञान मामले दर्ज किए गए थे।
भाजपा अध्यक्ष नड्डा पर हुए हमले को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद कल्याण बनर्जी ने शुक्रवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने एक प्रेस वार्ता में कहा कि पश्चिम बंगाल सरकार को पत्र भेजकर केंद्र सरकार जो कर रही है, वह असंवैधानिक है। भाजपा और केंद्र सरकार संघीय ढांचे में हस्तक्षेप की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश कर रहे हैं।
सांसद कल्याण बनर्जी ने इस दौरान यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बंगाल सरकार को पत्र भेजकर मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को तलब किया है, यह संघीय ढांचे में हस्तक्षेप है। बंगाल भाजपा अध्यक्ष के भड़काऊ भाषणों से माहौल खराब हो रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ अपराधी और भाजपा के हथियारबंद लोग थे।
राज्यपाल धनखड़ ने मुख्यमंत्री से सवाल करते हुए कहा, ‘राज्य में कौन बाहरी है, उनका इससे क्या मतलब है? क्या भारतीय नागरिक भी बाहरी हैं, ममता को इस तरह का बयान नहीं देना चाहिए। मुख्यमंत्री को आग से नहीं खेलना चाहिए। बाहरी कहना संविधान का अपमान है। बाहरवाला, अंदरवाला कहना एक खतरनाक खेल है। ममता संविधान के हिसाब से काम करें।’
राज्यपाल ने कहा, ‘ममता बनर्जी को संविधान के हिसाब से काम करना चाहिए। ममता से विनती है कि वो संविधान का पालन करें। यदि ममता भटकेंगी तो मेरे दायित्व की शुरुआत होगी। संविधान की आत्मा पर और कितना हमला होगा। संविधान की आत्मा का ध्यान रखें, भारत एक है उसका नागरिक एक है। मुझे विश्वास है कि ममता मेरी बात पर ध्यान देंगी।’
राज्यपाल ने कहा कि पश्चिम बंगाल के लोगों की रक्षा करना मेरा कर्तव्य है। भारत के संविधान की रक्षा करना मेरी जिम्मेदारी है। राज्य में कानून व्यवस्था की हालत बेहद खराब है। सरकारी तंत्र का राजनीतिकरण हो रहा है। क्या ये लोकतंत्र की हत्या नहीं है। ऐसे प्रशासन पर मुझे शर्म आती है। मैं बंगाल में शांति चाहता हूं।
भाजपा नेताओ पर हुए हमले का जिक्र करते हुए राज्यपाल धनखड़ ने कहा, ‘मानवाधिकार के दिन हुआ हमला मानवाधिकार पर हमला है। कल हुआ हमला लोकतंत्र पर धब्बा है और बेहद शर्मनाक है। बंगाल में संविधान की मर्यादाएं टूट रही हैं। बंगाल में पुलिस प्रशासन फेल हो गया है। बेलगाम ढंग से कल लोग सड़कों पर उतरे थे। मैंने कल हुए हमले को लेकर डीजीपी को जानकारी दी थी। ममता को कल की घटना के लिए माफी मांगनी चाहिए। उन्हें भाजपा अध्यक्ष पर दिए अपने बयान को वापस लेना चाहिए। वे बदले की भावना से काम कर रही हैं।