बिकरू कांड के एक और आरोपी उमाकांत उर्फ बउउन ने शनिवार को चौबेपुर थाने में पत्नी और बच्चों के साथ सरेंडर कर दिया। उमाकांत पत्नी के साथ थाने पहुंचा और दंडवत लेट गया। जब दरबान से उससे पूछा तो उसने बताया वो विकास दुबे का साथी है। बिकरू कांड में वह भी शामिल था। जिसके बाद थाने में हड़कंप मच गया। आननफानन में दरोगा ने उसका चेहरा देखा।
तभी वहां सीओ संतोष सिंह पहुंच गए और उसे पूछताछ के लिए अंदर ले गए। पुलिस को उमाकांत की काफी समय से तलाश थी। पुलिस ने कई जगह छापेमारी भी की थी लेकिन सफलता नहीं मिली थी। सूत्रों के मुताबिक, उमाकांत उर्फ बउउन को विकास दुबे की आंख, नाक, कान कहा जाता था। चौबेपुर का रहने वाला उमाकांत पुलिस की 50 हजार इनामिया सूची में शामिल हैं।
शनिवार को उमाकांत ने थाना चौबेपुर में सरेंडर किया। इस दौरान वह पत्नी और बच्चों को लेकर पहुंचा था। पुलिस ने बताया कि उमाकांत ने गले में एक तख्ती टांग रखी थी। जिसमें उसने अपना जुर्म कबूल किया। साथ ही पुलिस के सामने सरेंडर की बात भी लिख रखी थी। पुलिस ने बताया कि एसटीएफ के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपराधी विकास दुबे का उमाकांत खास साथी है।
पुलिस एनकाउंटर की दहशत के चलते उसने पत्नी और बच्चों के साथ सरेंडर किया है। उमाकांत ने गले में टांगी तख्ती पर लिखा था, मेरा नाम उमाकांत शुक्ला उर्फ बउउन पुत्र मूलचंद शुक्ला निवासी बिकरू थाना चौबेपुर है।
मैं बिकरू कांड में विकास दूबे के साथ शामिल था। मुझे पकड़ने के लिए पुलिस मेरी तलाश में थी। जिससे मैं बहुत डरा हुआ हूं। हम लोगों द्वारा जो घटना की गई थी उसका हमें बहुत आत्मग्लानी है। मैं खुद पुलिस के सामने हाजिर हो रहा हूं। मेरी जान की रक्षा की जाए। मुझ पर रहम किया जाए।
बता दें कि दो जुलाई की रात को बिकरू गांव में विकास दुबे के घर दबिश देने पहुंची पुलिस की टीम पर घात लगाकर बैठे बदमाशों ने हमला कर दिया था। जिसमें सीओ देवेंद्र मिश्रा सहित आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए थे। यूपी एसटीएफ ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए विकास दुबे सहित उसके पांच साथियों को मुठभेड़ में मार गिराया था।
अभी तक पुलिस इस मामले में 15 से अधिक लोगों को जेल भेज चुकी है। विकास के एक साथी ने सरेंडर भी किया है। वहीं इस घटना में शामिल कई बदमाश अभी तक फरार चल रहे हैं। जिन्हें ढूंढने के लिए यूपी एसटीएफ की कई टीमें लगी हुई हैं।