नई दिल्ली। इंफोसिस के एमडी और सीईओ के पद से इस्तीफा देकर विशाल सिक्का ने आईटी सेक्टर में हलचल मचा दी है। उन्होंने इस्तीफे का बाद अपने ब्लाग में इसके कारण बताने के साथ ही एक प्रेस कॉन्फ्रेंस भी की है। सिक्का द्वारा बताए कारणों के बाद अब कंपनी के संस्थापक नारायण मूर्ति पूरी तरह से आमने-सामने आ गए हैं।सेना के जवानों को रोज खाना बनाकर देता है ये मुसलमान परिवार, कहा- अल्लाह से….
सिक्का ने कंपनी की तरफ से हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि आज का दिन कई मायनों में दुखद है। मैंने तीन साल पहले अपना सफर शुरू किया था और जो उपलब्धियां प्राप्त की उन पर नाज है।
सिक्का ने कहा कि लगातार लग रहे आरोपों और एक ही बात को लेकर हो रहे शोर से निपटना मुश्किल था। एक समय ऐसा आता है कि आपको लगता है आप संस्थान के लिए बोझ होते जा रहे हैं मुझे भी ऐसा ही लगने लगा था। हमने फैसला लिया मैं एग्जीक्युटिव वाइस चेयरमैन बना रहूंगा ताकि यूबी प्रवीण को अंतरिम सीआई का काम संभालने में मदद हो सके।
वहीं इंफोसिस के को-चेयरमैन आर वैंकटेसन ने कहा कि बेहद भारी मन से हमने उनका इस्तीफा स्वीकार किया है। हम उनके कारणों को पूरी तरह समझते हैं। इस बात में कोई शक नहीं है वो एक शानदार व्यक्ति हैं, दुनिया यह जानती है। एक लीडर के रूप में वो और बेहतर हुए। बोर्ड उनके द्वारा तय किए घए रणनीतिक डायरेक्शन्स पर चलता रहेगा।
वहीं दूसरी तरफ नारायण मूर्ति ने कंपनी द्वारा जारी बयान से नाराजगी जताई है और कहा है कि जारी हुए बयान की टोन और भाषा देखकर बड़ा दुख हुआ। मैंने खुशी से 2014 में बोर्ड छोड़ दिया था और मैं कोई पैसा और पद नहीं मांग रहा। मेरी चिंता का विषय बोर्ड के ध्यान में लाया गया कॉर्पोरेट गवर्नेंस का गिरता स्तर था। इस पर बात करना मेरी डिग्नीटी के खिलाफ है और वक्त आने पर प्रतिक्रिया दूंगा।
बता दें कि बोर्ड द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि नारायण मूर्ति की लगातार प्रताड़ना के कारण, बोर्ड द्वारा पूरा समर्थन देने के बाद भी सिक्का ने इस्तीफा दे दिया है।