भारत के डिजिटल टैक्स पर अमेरिकी ट्रेड रिप्रजेंटेटिव USTR ने मुंहतोड़ जवाब देने की बात की है. यूएसटीआर ने कहा कि भारत समेत कुछ देशों ने अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनियों पर डिजिटल टैक्स लगाया है. हम इसका विरोध करते हैं. अगर यह वापस नहीं लिया जाता है तो अमेरिका भी ऐसा टैक्स लगाएगा.
USTR ने इसको लेकर नोटिस जारी किया है जिसमें लोगों से विचार मांगे गए हैं. लोगों से पूछा गया है कि इस मामले में भारत समेत कुल छह देशों के खिलाफ किस तरह की कार्रवाई करनी चाहिए. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस एक्शन को लेकर सरकार संबंधित पक्षों के साथ मिलकर बैठक करेगी और जरूरी कदम उठाए जाएंगे. सरकार की तरफ से भरोसा दिया गया है कि देश के ट्रेड और कमर्शियल इंट्रेस्ट सबसे अहम हैं और इसकी रक्षा की जाएगी.
अमेरिका ने करीब 40 भारत आयातित सामानों पर 25 फीसदी तक टैक्स लगाने का फैसला किया है. इसमें shrimps, बासमती चाव, सोने और चांदी की ज्वैलरी शामिल हैं. मोदी सरकार ने 2 पर्सेंट का गूगल टैक्स को 1 अप्रैल 2020 को लागू किया था. इसके तहत 119 कंपनियों को डिजिटल टैक्स के दायरे में लाया गया है. इनमें से 86 कंपनियां अमेरिकन हैं.
हालांकि सरकार ने पिछले दिनों गूगल टैक्स के नियमों में बदलाव किया था. सरकार ने फैसला किया है कि विदेशी ई-कॉमर्स कंपनियों (Foreign E-Commerce Firms) की भारतीय शाखा के जरिए बेची गईं वस्तुओं, सेवाओं पर दो फीसदी का डिजिटल कर (Digital Tax) नहीं लगेगा, ताकि उन्हें बराबरी का मौका मुहैया कराया जा सके. वित्त विधेयक 2021 में संशोधन करके यह स्पष्ट किया गया है कि विदेशी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म को दो फीसदी के डिजिटल कर का भुगतान नहीं करना पड़ेगा, यदि वे स्थाई रूप से यहां हैं या वे आयकर देते हैं.
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