कक्षा एक के छात्र को टॉयलेट में बंधक बनाकर चाकू मारने की आरोपी छात्रा ऑनलाइन सुसाइड गेम ब्ल्यू व्हेल खेलती थी। वह दो बार घर से भी भाग चुकी है। एसएसपी दीपक कुमार का कहना है कि छात्रा का व्यवहार असामान्य है। उसकी किसी मनोचिकित्सक से काउंसिलिंग कराने की जरूरत है।पुलिस ने बताया कि पिछले वर्ष 29 सितंबर को पिता की डांट से नाराज होकर छात्रा घर से भाग गई थी। पिता ने अलीगंज कोतवाली में केस दर्ज कराकर तलाश की तो एक अक्तूबर को वह चारबाग के प्रतीक्षालय में मिली थी। छात्रा को घर लाया गया लेकिन 11 नवंबर को वह फिर चली गई। पिता ने दोबारा केस दर्ज कराया। 16 नवंबर को शाहजहांपुर जीआरपी ने उसे रेलवे स्टेशन पर अकेले घूमते हुए पकड़ा और परिवारीजनों को सूचना दी।
छात्रा ने बताया कि पड़ोस में रहने वाली महिला ने उसे लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी जिसके चलते वह गुस्से में घर से चली गई थी। वह ट्रेन में बैठकर पंजाब पहुंची और रुपये खत्म होने पर दूसरी ट्रेन से लौट आई। शाहजहांपुर स्टेशन पर वह ट्रेन से उतरकर इधर-उधर भटक रही थी तभी जीआरपी ने देख लिया।
यह भी पता चला है कि बीते वर्ष छात्रा ब्ल्यू व्हेल गेम खेलती थी। उसकी कलाई में ब्लेड से कट के तीन निशान देखकर स्कूल प्रशासन ने परिवारीजनों को सूचना दी थी। हालांकि, छात्रा के पिता ने ब्ल्यू व्हेल गेम खोलने की बात से इन्कार किया है। उन्होंने बताया कि घर पर एक लैपटॉप है जो खराब पड़ा है। परिवार के सदस्यों में सिर्फ उनके पास ही एंड्रायड मोबाइल फोन है। बाकी फीचर फोन हैं, जिससे सिर्फ कॉल की और रिसीव की जा सकती हैं।
वारदात के बाद कर रही थी आसामान्य हरकतें
पुलिस ने स्कूल में लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज निकलवाई तो उसमें छात्रा असामान्य हरकतें करते हुए नजर आ रही है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि वह बार-बार अपने हाथ पोंछ रही थी और कुछ उलझन में थी। छात्रा की हकरतें देखकर ऐसा लग रहा था कि उसका क्लास में मन नहीं लग रहा था।
पिता बोले- निर्दोष है मेरी बेटी, सारे आरोप गलत
छात्रा के पिता ने बेटी को निर्दोष बताया है। उन्होंने कहा कि बेटी पढ़ने में बहुत अच्छी है और उसने कुछ नहीं किया। पुलिस और चाइल्ड लाइन वाले बुधवार दोपहर से ही उससे बातचीत कर रहे हैं और वह सब बता रही है लेकिन हमले की बात मानने से इन्कार कर रही है। मंगलवार को प्रार्थना के वक्त वह कहां थी। प्रार्थना में उसके आगे-पीछे कौन था। प्रार्थना के बाद कहां गई। उसने कौन-कौन सी क्लास अटेंड की। क्लास में पढ़ाने के लिए कौन से टीचर आए थे। क्लास से निकलकर वह कहां गई। वह वॉशरूम कब गई थी। ऐसे तमाम सवाल बेटी से पूछे गए। उसने एक-एक सवाल का जवाब दिया।
यह भी बताया कि मंगलवार को उसकी क्लास में सबकी तलाशी हुई थी। तलाशी के बाद वह वॉशरूम गई थी लेकिन तब तक कोई बात नहीं थी। बाद में कॉलेजों के लोगों ने उसके परिवारीजनों को बुलवाकर उनके सामने पूछताछ शुरू की। कॉलेज वालों ने परिवारीजनों को बताया था कि छात्रा ने कोई टेक्स्ट बुक छिपाकर रखी है इसलिए पूछताछ कर रहे हैं। कॉलेज प्रशासन ने बेटी के साथ ही पढ़ने वाली छोटी बेटी से भी जानकारी ली। उसने बताया कि मंगलवार को दीदी उसके साथ ही रही थी।
स्कूल प्रशासन ने काटे छात्रा के बाल
छात्रा के पिता ने स्कूल प्रशासन और पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रशासन ने उनकी बेटी के बाल काटे जबकि यह काम फॉरेंसिक टीम को करना चाहिए था। इसके अलावा पुलिस ने बेटी से बातचीत के दौरान जेजे एक्ट का पालन नहीं किया। उन्होंने बताया कि पुलिस शाम को बेटी को घर से निजी कार में बैठाकर कोर्ट ले गई। इस दौरान उन्हें या परिवार के अन्य सदस्यों को साथ नहीं लिया गया। वह स्कूटी से कार के पीछे दौड़े लेकिन तब तक कार आंखों से ओझल हो चुकी थी।
पुलिस ने परिवारीजनों से कहा कि वह मोहानरोड स्थित किशोर न्यायालय जा रहे हैं। परिवारीजन वहां पहुंचे तो सन्नाटा पसरा मिला। काफी देर इंतजार के बाद भी कोई नहीं आया। इसके बाद पता चला कि उसे जुवेनाइल मजिस्ट्रेट के बहुखंडी स्थित कोर्ट में ले जाया गया है। परिवारीजन वहां पहुंचकर भटकते रहे लेकिन बेटी का पता नहीं चला। बाद में पुलिस ने परिवारीजनों को बताया कि छात्रा को बाराबंकी में राजकीय सम्प्रेक्षण गृह भेज दिया गया है।
प्रेस नोट में लिखी छात्रा के अपराध बोध होने की बात
पुलिस ने अपने प्रेस नोट में छात्रा के अपराध कबूलने की बात का जिक्र करके विवाद पैदा कर दिया है। एसएसपी सहित अन्य अफसर खुद कह रहे हैं कि छात्रा हमले की बात से साफ इन्कार कर रही है इसके बाद भी प्रेस नोट में इसका जिक्र किसने और क्यों किया? पुलिस की तरफ से बृहस्पतिवार देर शाम जारी प्रेस नोट में लिखा गया है कि किशोर बालिका को अपराध का बोध होने पर निगरानी में लिया गया। इससे स्पष्ट है कि पुलिस ने रितिक पर हमले के मामले में छात्रा को आरोपी माना है।
कॉलेज की मान्यता, बिल्डिंग और बैक खातों की शुरू हुई जांच
वारदात के बाद से ब्राइटलैंड कॉलेज पर चौतरफा शिकंजा कसता जा रहा है। यूपी बोर्ड से मान्यता प्राप्त इस कॉलेज की बिल्डिंग समेत कई अन्य बिंदुओं की जांच शिक्षा विभाग ने शुरू करा दी है। विभाग ने एडीआईओएस रीता सिंह और राजकीय इंटर कॉलेज हुसैनाबाद के प्रधानाचार्य हरीशचंद्र चक के निर्देशन में जांच कमेटी गठित कर तत्काल रिपोर्ट मांगी है। वहीं, बुधवार को भेजी गई नोटिस का कॉलेज ने अब तक कोईजवाब नहीं दिया है।
जिला विद्यालय निरीक्षक डॉ. मुकेश कुमार सिंह ने बताया कि कॉलेज की मान्यता से संबंधित कागज तलब किए गए हैं। साथ ही संबंधित कार्यालय को शीघ्र परीक्षण कर रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं। कॉलेज के सभी बैंक अकाउंट का ब्यौरा तलबकर खातों का ऑडिट कराया जाएगा। इसके अलावा भवन को लेकर एलडीए को लिखा जाएगा।
डीआईओएस ने सुबह पीड़ित छात्र से बात कर घटना की जानकारी ली। इसके बाद कॉलेज का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि कॉलेज ने 64 सीसीटीवी कैमरे होने का दावा किया है, लेकिन बाथरूम के आसपास कोई कैमरा नहीं मिला है। उन्होंने बताया कि कॉलेज को यूपी बोर्ड से कितने सेक्शन की मान्यता मिली है, इसकी जांच कराई जा रही है। घटना वाले दिन कितने छात्र थे, कितनी कक्षाएं व सेक्शन हैं, कितने छात्र पंजीकृत हैं इसकी भी रिपोर्ट मांगी गई है।
घर-घर गूंजा ब्राइटलैंड कांड पर बताने से कतराते रहे लोग
ब्राइटलैंड कॉलेज में हुआ भयावह कांड अलीगंज की गली-गली में लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा लेकिन किसी ने भी सामने आकर इस पर बातचीत करने की इच्छा नहीं जताई। लोग घरों में घायल छात्र और आरोपी छात्रा के बारे में बातचीत करते रहे।
पुलिस, चाइल्ड लाइन और स्वयंसेवी संगठन के लोगों के पूछने पर कोई कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुआ। छात्रा के घर के आसपास रहने वालों ने तो अपने मकान के खिड़की-दरवाजे तक बंद कर लिए थे। अमूमन दोपहर में घर के बाहर, बरामदे में या बालकनी में कुर्सियां डालकर धूप सेंकने वाले लोग भी नजर नहीं आए। लोगों को डर था कि कहीं पुलिस उनसे पूछताछ करके मोहल्लेवालों से दुश्मनी न करा दे।
अटेंडेंस के समय अनुपस्थित मिला पीड़ित
प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि असेंबली के बाद जब शिक्षकों ने सभी छात्रों की उपस्थिति दर्ज की तो छात्र रितिक अनुपस्थित मिला। बाकी छात्रों से पूछा गया तो उन्होंने यही बताया कि रितिक सुबह आया था। उसका बैग भी क्लास में था लेकिन वह गायब मिला। इसके बाद अनुशासन प्रभारी अंकित सिंह चौहान को बच्चे को खोजने के निर्देश दिए गए।
राउंड के दौरान टॉयलेट में से आवाज आई तो रितिक वहां पर खून से लथपथ मिला। प्रारंभिक जांच में कॉलेज प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। छात्र के ऊपर चाकू से कई वार किए गए हैं। उस वक्त वह चीखा भी होगा लेकिन स्कूल प्रशासन में से किसी ने भी उसकी चीख-पुकार नहीं सुनी।