ब्रिटिश दवा नियामक ने बुधवार को कहा कि देश में 30 साल से कम उम्र के लोगों को आक्सफोर्ड की एस्ट्राजेनेका वैक्सीन की जगह वैकल्पिक वैक्सीन दी जाएगी। एस्ट्राजेनेका वैक्सीन से जुड़े रेअर ब्लड क्लाट के मामले सामने आने की वजह से यह कदम उठाया गया है।
देश की मेडिसिंस एंड हेल्थकेयर प्रोडक्ट्स रेगुलेटरी एजेंसी (एमएचआरए) ने बुधवार को कहा कि नियमित निगरानी से यह निष्कर्ष निकला है कि एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के कारण रेअर ब्लड क्लाट की काफी संभावना है। लिहाजा संबंधित आयु समूह के लोगों को फाइजर और मॉडर्ना कंपनी की वैक्सीन लगाई जानी चाहिए। एमएचआरए के प्रमुख डाक्टर जून रैने ने हालांकि कहा कि जोखिम के मुकाबले अधिकतर लोगों में एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के लाभ अधिक हैं।
एमएचआरए के मुताबिक, वैक्सीन लगाए जाने वाले 10 लाख लोगों में से सिर्फ चार लोगों में ही रेअर ब्लड क्लाट का रिस्क देखा गया। यूरोपीय संघ के औषधि नियामक द्वारा यह कहे जाने के तुरंत बाद इस फैसले की घोषणा की गई कि उसने एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन और रेअर ब्लड क्लाट के बीच संभावित संपर्क का पता लगा लिया है।
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