ब्रह्मोस मिसाइल डील: राजनाथ ने इंडोनेशियाई रक्षा मंत्री को दी प्रतिकृति

भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल के सौदे पर बातचीत काफी आगे बढ़ चुकी है। बृहस्पतिवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और उनके इंडोनेशियाई समकक्ष श्याफ्री स्यामसुद्दीन के बीच द्विपक्षीय रक्षा वार्ता हुई। इस बैठक के दौरान राजनाथ ने स्यामसुद्दीन को ब्रह्मोस मिसाइल की एक प्रतिकृति भेंट की।

राजनाथ ने इसको अपने सोशल मीडिया पर पोस्ट भी किया। यह एक ठोस सामरिक संकेत है कि जल्द ही इस सौदे पर मुहर लग सकती है। भारत और इंडोनेशिया के बीच ब्रह्मोस मिसाइल सौदे पर कई उच्च स्तरीय वार्ताएं हो चुकी हैं। इस साल जनवरी में इंडोनेशिया के राष्ट्रपति प्रबोवो सुबियांतो और पीएम मोदी के बीच हुई शिखर वार्ता में ब्रह्मोस का सौदा शीर्ष पर था। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सुखोई-30 विमान से दागी गई ब्रह्मोस मिसाइल ने पाकिस्तान में बेहद सटीकता से लक्ष्य पर वार किया था। जिसके बाद इस पर इंडोनेशिया का भरोसा और बढ़ा है।

द्विपक्षीय रक्षा वार्ता के दौरान राजनाथ ने कहा कि दशकों से दोनों देशों के रक्षा संबंध क्षेत्रीय सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की नींव पर बने हुए हैं। आज का दिन हमारे रक्षा सहयोग की बढ़ती ताकत का सबूत है, जो दोनों देशों के बीच सहयोग का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है। रक्षा मंत्री ने कहा कि दोनों देशों के बीच हजारों साल पुराने ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और सभ्यतागत रिश्ते हैं। बहुलवाद, समावेशिता और कानून के शासन के मूल्य दोनों देशों में पाए जाते हैं। इन साझा मूल्यों ने हमारे समकालीन संबंधों को दिशा दी है।

बढ़ेगा पनडुब्बी सहयोग

रक्षा मंत्रालय ने बताया कि वार्ता के दौरान भारत के पनडुब्बी विकास और स्कॉर्पीन-श्रेणी के अनुभव को इंडोनेशिया के भविष्य के लिए मूल्यवान माना गया। यानी भारत निकट भविष्य में पनडुब्बियों के विकास में इंडोनेशियाई नौसेना की मदद कर सकता है।

संयुक्त रक्षा उद्योग समिति

दोनों देशों के बीच संयुक्त रक्षा उद्योग सहयोग समिति बनाने पर बातचीत हुई। इसका उद्देश्य तकनीकी सहयोग, संयुक्त अनुसंधान व विकास, प्रमाणन और आपूर्ति-श्रृंखला में सहयोग बढ़ाना है। दोनों देशों ने तीनों सेनाओं के बीच साझा सैन्य अभ्यासों की प्रगति पर भी बातचीत की। साथ ही अधिकारियों के पारस्परिक दौरे और प्रशिक्षण कार्यक्रम जारी रखने पर भी सहमति बनी। दोनों देशों ने रक्षा चिकित्सा और फार्मास्यूटिकल्स में संयुक्त अनुसंधान, प्रशिक्षण व तकनीक हस्तांतरण पर भी चर्चा की। दोनों देशों ने फलस्तीन में न्यायसंगत और स्थायी शांति के लिए प्रतिबद्धता दोहराई।

हिंद-प्रशांत में सहयोग…

दोनों देशों ने स्वतंत्र, खुला, शांतिपूर्ण और स्थिर हिंद-प्रशांत क्षेत्र बनाए रखने के महत्व पर जोर दिया। साथ ही इस क्षेत्र में सुरक्षा व सहयोग सुनिश्चित करने पर अपनी प्रतिबद्धता जताई। इसके अलावा समुद्री सुरक्षा, साइबर सुरक्षा और संयुक्त सैन्य तैयारियों में सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई गई।

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com