स्टूडेंट जब अपनी पूरी मेहनत और लगन से पढ़ायी करता है तो उसे इस बात की भी उम्मीद होती है की उसने जिस चीज के लिए इतनी मेहनत की है उसका उसे फल भी मिलेगा. निराशा तब हाथ लगती है जब पुरजोर पहनत करने के बाद भी बहुत से लोग इस अपनी मेहनत का फल मिलने से वंचित रह जाते हैं. आज हम आपको 12 वीं की परीक्षा में पास करने वाली एक ऐसी स्टूडेंट की कहानी बताने जा रहे हैं जिसने महज एक नंबर के लिए पूरी सरकार को हिला कर रख दिया. वैसे आम तौर पर देखा जाये तो ज्यादातर लोग एक नंबर कम आने या फिर ज्यादा आने को इतना महत्व नहीं देते हैं लेकिन बात अगर हमारे देश की शिक्षा व्यवस्था की करें तो यहाँ एक एक नंबर का ख़ासा महत्व है इसी वजह से इस लड़की ने सबको हिला कर रख दिया. आईये जानते हैं की आखिर क्या है ये पूरा मामला!
बता दें की इस सोफिया गौरी खान नाम की इस लड़की को एग्जाम में मार्क्स तो अच्छे आये हैं लेकिन वो सिर्फ एक अंक से लैपटॉप लेने वालों स्टूडेंट्स की लिस्ट से हट गयी. इसके बाद सोफिया ने तय किया की वो अपने कॉपी की पुनः जांच के लिए अप्लाई करेगी लेकिन जब जिला स्तर पर उसने अपन कॉलेज के शिक्षकों और अधिकारीयों को इस बारे बताया तो उन्होनें कॉपी की दोबारा जांच से इनकार कर दिया. बता दें की इसके बाद सोफिया ने अपना हक़ पाने के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और कोर्ट ने फैला सोफिया के पक्ष में सुनाते हुए ये आदेश दिया की उसकी कॉपी की फिर से जांच की जाए. बता दें की सोफिया को इस बात की पूरी उम्मीद थी की कॉपी दोबारा जांच होने पर वो कम से कम पांच नंबर ज्यादा तो जरूर प्राप्त कर पाएगी. आपको बता दें की जब कोर्ट के आदेश पर सोफिया की कॉपी फिर से जांच की गयी तो उसे इकोनॉमिक्स में एक नंबर ज्यादा मिला और इसके साथ ही वो पूरे 425 अंक पाने के बाद लैपटॉप पाने की भी हकदार बन गयी. बता दें की कोर्ट ने सोफिया को 25 हजार की रकम लैपटॉप के लिए दिए जाने का आदेश दिया लकिन सोफिया और उसके परिवार वालों का कहना है की लैपटॉप खरीदने के लिए जितनी राशि मिली है उसका आधा तो उन्हें कोर्ट केस लड़ने में ही चुकाना पड़ा लेकिन संतोष इस बात का है की उनकी जीत हुई और सोफिया का नाम एक अच्छे स्टूडेंट के रूप में लिया जाएगा.
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal