दिल्ली के चांदनी चौक इलाके की खारी बावली में फकीर चांद एंड संस पर इनकम टैक्स की छापेमारी पिछले महीने से जारी है. इस दुकान के बेसमेंट में करीब 300 प्राइवेट लॉकर्स बनाए गए थे. दीपावली से पहले इनकम टैक्स की टीम को इसकी जानकारी मिली जिसके बाद यहां रेड की गई. अभी तक करीब 30 करोड़ रुपए बरामद हो चुके हैं.
यहां हर रोज आईटी विभाग की टीम आती है और बाकी बचे लॉकर्स को खोला जाता है. कैश की गिनती अभी भी जारी है. लॉकर्स जिन लोगों के हैं उनमें से कुछ के बारे में जानकारी मिल चुकी है. उनसे आईटी टीम पूछताछ कर रही है. जानने की कोशिश की जा रही है कि कहीं ये पैसा हवाला का तो नहीं है.
दरअसल, फकीर चांद एंड संस नाम की इस छोटी-सी दुकान के तहखाने में बने लॉकर्स से अभी तक 30 करोड़ रुपए बरामद हो चुके हैं. पिछले एक महीने से इनकम टैक्स विभाग की टीम नोट गिनने की मशीनों के साथ रोजाना इस दुकान के तहखाने में जाती है और देर रात तक लॉकर्स खोलने का काम किया जाता है.
सूत्रों के मुताबिक, इन लॉकर्स से बरामद करोड़ों रुपए किन-किन लोगों के हैं, कहीं ये पैसा हवाला का तो नहीं है, इन तमाम सवालों के जवाब जानने के लिए एनआईए भी जांच शुरू कर सकती है. साथ ही एनआईए टेरर फंडिंग के एंगल से भी जांच कर सकती है.
जांच के दौरान पता चला है कि ये लॉकर्स फरीक चंद एंड संस कंपनी के मालिक अशोक कुमार गुप्ता ने 10 साल पहले बनाए थे. ये लॉकर्स किराए पर दिए जाते हैं. सूत्रों की मानें तो 5 नवंबर को गुप्त सूचना मिलने के बाद इनकम टैक्स की टीम ने इन लॉकर्स पर रेड मारी थी. तब से इन लॉकर्स को स्कैन किया जा रहा है. अभी तक करीब 125 लॉकर्स खोले जा चुके हैं.
इनकम टैक्स विभाग की टीम तमाम कागजात जुटाने की कोशिश कर रही है, जिससे ये पता चल सके कि लॉकर्स किन-किन लोगों ने किराए पर लिए थे. आईटी विभाग को एक रजिस्टर भी मिला है जिससे यह बात सामने आई है कि लॉकर्स दिल्ली एनसीआर के उन व्यापारियों के हो सकते हैं जो तंबाकू और ड्राई फ्रूट्स का धंधा करते हैं.