मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि इस विधेयक के विधानमंडल में पारित होने के बाद अब बिहार सरकार बेतिया राज की सारी परिसंपत्तियों को सूचीबद्ध करते हुए अधिसूचना निकालेगी।
बेतिया राज सारी संपत्ति अब बिहार सरकार की होने जा रही है। मंगलवार को विधानसभा में बेतिया राज के 15 हजार एकड़ जमीन के अधिग्रहण का बिल पास हो गया। अधिसूचना की तारीख से रैयती या रैयतों के अधीन रहने वाले के हितों को छोड़कर बेतिया राज की जमीन और संपत्तियों पर सभी मौजूदा विशेषाधिकार समाप्त हो जाएंगे। बिहार सरकार इन जमीनों का अधिग्रहण कर इन पर मेडकल कॉलेज, विश्वविद्यालय, अस्पताल, स्कूल और कॉलेज या अन्य सामुदायिक परियोजनाओं में उपयोग करेगी।
विधानसभा में भूमि सुधार मंत्री ने जानकारी दी कि बिहार में बेतियाराज की 15215 एकड़ और उत्तर प्रदेश में 143 एकड़ जमीन है। बिहार में पूर्व व पश्चिमी चंपारण, सारण, सीवान, गोपालगंजं, पटना और उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद, बस्ती, गोरखपुर, महाराजगंज, कुशीनगर, मिर्जापुर, वाराणसी में बेतियाराज की जमीनें हैं।
सूचीबद्ध करते हुए अधिसूचना निकालेगी सरकार
मंत्री दिलीप जायसवाल ने कहा कि इस विधेयक के विधानमंडल में पारित होने के बाद अब बिहार सरकार बेतिया राज की सारी परिसंपत्तियों को सूचीबद्ध करते हुए अधिसूचना निकालेगी। इसमें यह स्पष्ट रहेगा कि कौन कौन से खाता खेसरा की जमीन अब राज्य सरकार में निहित हो रही है।
असंतुष्ट होने पर 30 दिनों के अंदर अपील करना होगा
बेतिया राज की जिस भी इलाके में जमीन हैं, वहां के डीएम उसका प्रबंधन देखेंगे। जैसे वह अन्य जमीन का करते हैं। डीएम के पास जमीन और संपप्ति पर कब्जा करने का अधिकार होगा। कोईी व्यक्ति 60 दिनों के अंदर विशेष पदाधिकारी के सामने आपत्ति के लिए आवेदन दे सकता है। विशेष पदाधिकारी 90 दिनों के अंदर निपटारा करेंगे। वहीं असंतुष्ट होने पर डीएम के पास 30 दिनों के अंदर अपील करना होगा।
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