वैश्विक महामारी कोरोना संकट के बीच हो रहे बिहार विधानसभा के पहले चरण की 71 सीटों पर प्रचार का दौर सोमवार शाम को खत्म हो जाएगा। यहां 28 अक्तूबर को मतदान होना है। पहले चरण में अपनी जीत सुनिश्चित करने के लिए सभी दलों के नेता और उसके स्टार प्रचारक पूरी ताकत झोंक रहे हैं। पहले चरण में राज्य सरकार के आठ मंत्रियों समेत कई दिग्गज मैदान में हैं, जिनके भाग्य का फैसला 28 को ईवीएम में कैद हो जाएगा। हालांकि, इनमें किस के सिर जीत का ताज सजेगा, यह तो दस नवंबर को मतगणना के दिन ही पता चलेगा।
पहले चरण में जिन बड़े नामों की तकदीर का फैसला होना है, उनमें जहानाबाद से शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा, दिनारा से विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री जय कुमार सिंह, लखीसराय से श्रम संसाधन मंत्री विजय कुमार सिन्हा, चैनपुर से खनन मंत्री बृजकिशोर बिंद, बांका से राजस्व मंत्री रामनारायण मंडल, जमालपुर से ग्रामीण कार्य मंत्री शैलेश कुमार, गया से कृषि मंत्री प्रेम कुमार और राजपुर से परिवहन मंत्री संतोष कुमार निराला मुख्य हैं।
इसके अलावा, प्रमुख प्रत्याशियों में हम पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी इमामगंज विधानसभा क्षेत्र से मैदान में खड़े हैं। इसी क्षेत्र से पूर्व विधानसभा अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी राजद की टिकट पर उनसे लोहा ले रहे हैं। लोजपा के दिग्गजों उम्मीदवारों में दिनारा से राजेंद्र सिंह, सासाराम से रामेश्वर चौरसिया और जगदीशपुर से भगवान सिंह कुशवाहा ने ताल ठोका है। उधर जमुई से पूर्व मंत्री और राजद के नेता विजय प्रकाश और तीरंदाज श्रेयसी सिंह भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़ रही हैं।
पहले चरण में राजद के 42, जदयू के 35, भाजपा के 29, कांग्रेस के 21, माले के आठ, हम के छह, वीआईपी का एक, रालोसपा के 43, लोजपा के 42 और बसपा के 27 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। पहले चरण में लोजपा के 42 प्रत्याशियों में से 35 जदयू के खिलाफ जोर आजमाइश कर रहे हैं। जबकि छह हम और एक वीआईपी के प्रत्याशी को चुनौती दे रहे हैं। फिलहाल, प्रथम चरण की इन सीटों में से राजद के 25, जदयू के 23, भाजपा के 13, कांग्रेस के आठ, हम का एक और माले का एक सीट पर कब्जा है।