डीएम ने बताया कि सरकारी जमीनों की अवैध रूप से रैयतों के नाम पर जमाबंदी किए जाने की कई शिकायतें मिली थीं। इन मामलों में कई प्रखंडों के अंचलाधिकारियों से पूछताछ की गई। दोषी अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है।
दरभंगा जिले में चल रहे भूमि सर्वेक्षण के दौरान एक बड़े घोटाले का खुलासा हुआ है, जहां सरकारी जमीन की रैयतों के नाम पर अवैध रूप से जमाबंदी कर दी गई। अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों की मिलीभगत से करोड़ों रुपये की सरकारी जमीन को गलत तरीके से रैयतों के नाम पर कर दिया गया। यह मामला तब सामने आया जब वर्तमान समय में जिले में भूमि सर्वेक्षण का काम चल रहा है।
डीएम ने की सख्त कार्रवाई
दरभंगा के जिलाधिकारी (डीएम) राजीव रोशन ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए मनीगाछी और अन्य प्रखंडों के कई अंचलाधिकारियों और करीब एक दर्जन राजस्व कर्मचारियों के खिलाफ जांच कराई। जांच के बाद दोषी पाए गए अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ प्रपत्र क के तहत कार्रवाई की अनुशंसा की गई है।
डीएम ने बताया कि सरकारी जमीनों की अवैध रूप से रैयतों के नाम पर जमाबंदी किए जाने की कई शिकायतें मिली थीं। इन मामलों में मनीगाछी प्रखंड के अलावा कई अन्य प्रखंडों के अंचलाधिकारियों से पूछताछ की गई। दोषी पाए गए अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई की गई है और आगे भी जांच जारी रहेगी।
मिलीभगत से हुआ घोटाला
मामले की गंभीरता तब और बढ़ गई जब सर्वेक्षण के दौरान यह पाया गया कि पिछले कुछ वर्षों में अंचलाधिकारियों और राजस्व कर्मचारियों ने मिलकर बड़े पैमाने पर सरकारी जमीनों की निजी लोगों के नाम पर जमाबंदी कर दी थी। यह घोटाला जिले के आधे दर्जन से अधिक प्रखंडों में फैला हुआ है। डीएम ने प्रथम चरण में ही इस घोटाले का पर्दाफाश करते हुए संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई शुरू कर दी है।
दोषियों पर की जाएगी कठोर कार्रवाई
डीएम ने स्पष्ट किया है कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ जांच जारी रहेगी और जो भी अधिकारी दोषी पाए जाएंगे, उन पर कठोर कार्रवाई की जाएगी। सरकारी जमीन की सुरक्षा और इसकी सही तरीके से निगरानी करने के लिए प्रपत्र क के तहत कानूनी कदम उठाए जा रहे हैं।