बिहार विधानसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमाने के लिए जन अधिकार पार्टी प्रमुख व पूर्व सांसद पप्पू यादव हर संभव कोशिश में जुटे हैं. उन्होंने कहा कि कांग्रेस बड़ी पार्टी है और महागठबंधन में अगर वह लीड करे तो बिना शर्त समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन कांग्रेस को दलित नेतृत्व देना होगा. पप्पू यादव ने दावा किया है कि सत्ता में आने के बाद तीन साल के अंदर बिहार को देश नहीं, बल्कि एशिया में नंबर वन बनाने का काम करें नहीं तो इस्तीफा दे देंगे.
पूर्व सांसद पप्पू यादव ने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार दलित राजनीति को खत्म करने की साजिश रच रहे हैं, जिसे हम किसी भी सूरत में नहीं होने देंगे. उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान आवाम मोर्चा के अध्यक्ष जीतन राम मांझी को भी इस बात के लिए समझाऊंगा कि नीतीश कुमार झांसे में नहीं आएं और जेडीयू के साथ न जाएं. मांझी के जरिए दलित समुदाय की सियासत पर वार करने की रणनीति बनाई गई है.
जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव ने कहा कि कांग्रेस को भारत की गुलामी से बचाने के लिए आगे आना चाहिए. कांग्रेस अगर महागठबंधन की अगुवाई करता है तो बिना शर्त वो समर्थन देने के लिए तैयार हैं, लेकिन नेतृत्व की कमान किसी अतिपिछड़ा या फिर दलित समुदाय के नेता को ही मिलनी चाहिए. इस बात का सिर्फ आश्वासन ही नहीं बल्कि पूरा भरोसा चाहिए.
उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा चुनाव जैसे-जैसे नजदीक आता जा रहा है, महागठबंधन में दरारें पड़ती जा रही हैं. महागठबंधन के बड़े नेताओं रघुवंश प्रसाद सिंह, उपेन्द्र कुशवाहा, शरद यादव, मुकेश साहनी की उपेक्षा हो रही है. बिहार की जनता जानना चाहती है कि आखिर वो कौन पार्टियां हैं जो महागठबंधन को कमजोर कर रही हैं. इस तरह से पप्पू यादव ने सीधे तौर पर आरजेडी को निशाने पर लिया.
पप्पू यादव ने बिहार की 94 विधानसभा सीटों की लिस्ट जारी की, जिस पर जन अधिकार पार्टी के उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमाएंगे. इसमें सीमांचल से लेकर भोजपुर और मिथलांचल तक की सीटें शामिल हैं. पप्पू यादव ने सूबे की 60 विधानसभा सीटों पर अपनी पार्टी की आईटी सेल को स्थापित कर दिया है. प्रदेश की सभी सीटों पर अपनी पार्टी के उम्मीदवार उतारने का वे ऐलान कर चुके हैं.
जन अधिकार पार्टी के प्रमुख पप्पू यादव बिहार के विकास को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के महज तीन साल के अंदर बिहार को विकास के मामले में ऐसी जगह ले जाना है, जो देश में नहीं बल्कि एशिया में नंबर वन बनाने का मकसद है. वो कहते हैं कि अगर बिहार को विकास के इस मुकाम पर नहीं ले जाते हैं तो इस्तीफा दे देंगे.