Bhopal: एमपी में भोपाल के रहने वाले एक शख्स ने मेट्रिमोनियल साइट की मदद से शादी की। 2 साल सब ठीक रहा लेकिन बाद में जब लेडी ने इस शख्स पर केस दायर किया तो चौंकाने वाला खुलासा हुआ। उस लेडी की पहले ही 4 शादियां हो चुकी थी और वह भी बिना तलाक दिए।7.5 फीसदी ग्रोथ का लक्ष्य मुश्किल, ब्याज दर में कटौती की और गुंजाइश आर्थिक सर्वेक्षण में सामने आया…
वन विभाग के कर्मचारी रमेश चौकसे की पत्नी की मौत हो गई थी। उनके तीन बच्चे है। दो बेटियों की शादी हो गई। एक छोटा बेटा है। परिजनों ने दूसरी शादी की सलाह दी।मेट्रिमोनियल पर अपने बारे में बताया। छिंदवाड़ा निवासी संध्या और उसके परिजनों ने संपर्क किया। पता चला कि वह चार शादियां पहले भी कर चुकी है। रमेश का नंबर पांचवां था। रमेश के पास जब तीसरे नंबर के पति ने उसकी पत्नी पर अपनी पत्नी होने का दावा पेश किया तो पोल खुल गई।
उसने पिछले पतियों की तरह रमेश पर भी भरण पोषण का केस जड़ दिया। रमेश ने छिंदवाड़ा में सबूत तलाशे। कोर्ट में पेश किए। कोर्ट ने गिरफ्तारी वारंट जारी करते हुए आईपीसी की धारा 494 के तहत केस दर्ज करने के आदेश दिए हैं। वकील अनिल कुमार सिंह ने बताया कि चौकसे के खिलाफ चल रहे केस में संध्या के खिलाफ चार शादियों के सबूत और छिंदवाड़ा कोर्ट के दस्तावेज प्रस्तुत किए। पहले तीन पतियों ने बयान दिए तो संध्या की सच्चाई सामने थी। कोर्ट ने रमेश के पक्ष में फैसला सुनाते हुए संध्या के खिलाफ आईपीसी की धारा 494 के तहत दर्ज करने आदेश दिए।
गिरफ्तारी वारंट भी जारी कर दिया। संध्या से अपना पिंड छुड़ाने के लिए रमेश ने अलग से शादी शून्य करने के लिए भी कोर्ट में परिवाद दायर कर दिया है। सुनवाई जारी है। संध्या किसी ट्रैवल एजेंसी में काम करती थी। तब उसने प्रफुल्ल वर्मा से शादी की। उसे एक बेटा हुआ। प्रफुल्ल की मौत के बाद उसने विजय रघुवंशी से शादी की। विजय का प्रापर्टी का बिजनेस था। साथ ही 50 एकड़ खेती भी थी। शादी के छह माह बाद उनका झगड़ा हुआ। विजय ने उसके नाम पर दो एकड़ जमीन कर दी। वह मायके चली गई।
संध्या ने विजय से तलाक लिए बिना आशीष सूर्यवंशी से छिंदवाड़ा में ही आर्य समाज मंदिर से शादी कर ली। एक साल बाद उसने आशीष पर ज्यादती का आरोप लगा दिया। वह गिरफ्तार तक हुआ। कोर्ट में आशीष ने शादी के साक्ष्य रखे तब बरी हुआ। इसके बाद उसने भरण-पोषण का केस लगा दिया।
इस बीच संध्या ने दिनेश तराम से शादी कर ली। दिनेश को उसके कारनामे पता चले तो उसके खिलाफ भी ज्यादती का केस लगा दिया। दिनेश ने भी शादी करने का सबूत दिया और पिंड छुड़ाया। अब संध्या के जीवन में दिनेश आए। पोल खुली तो भरण-पोषण का केस।