किसी भी खाद्य पदार्थ को खाने का तरीका यदि गलत है, तो इसका आपको भरपूर पोषण नहीं मिलेगा। दही खाएं या चावल और रोटी। खाने का तरीका जरूर जानें सुबह के नाश्ते में क्या लेते हैं? दोपहर का खाना कैसे खाते हैं? रात के खाने में क्या लेते हैं? खाने का यह तरीका काफी हद तक आपकी सेहत से जुड़ा है। आज की युवा पीढ़ी इस बात पर ज्यादा गौर नहीं करती है, मगर पुराने समय में लोग खाने के नियम को बड़ी ही सख्ती से पालन किया करते थे। कब कौन-सी चीज खानी है, कैसे खानी है, उन्हें इस बात की पूरी जानकारी थी। भले ही वे इसके वैज्ञानिक पक्ष से परिचित नहीं थे, फिर भी भोजन के नियम का पालन करते थे और वे स्वस्थ भी रहते थे।
मगर आज के लोगों की आदत खराब हो चुकी है। नियमों को ताक पर रखकर आज लोग भोजन की जो गलतियां कर रहे हैं, उसके नतीजे भी दिखने लगे हैं। मोटापा, त्वचा संबंधी समस्याएं, गैस, पाचन की समस्या सब इसी का नतीजा है। जिस तरह फैशनेबल और ट्रेंडी दिखने के लिए पहनावे में हम हर मैच का ध्यान रखते हैं, ठीक वैसे ही भरपूर पोषण पाने के लिए आहार की जुगलबंदी को जानना भी जरूरी है।
आहार संबंधी किसी सामग्री को अलग-अलग खाने की जगह, यदि आप दो या इससे अधिक पोषणपूर्ण सामग्री को एक साथ खाएं, तो इससे हमारे शरीर को ज्यादा पोषण मिलता है। हम जो भोजन लेते हैं, उसके अपने फायदे होते हैं और यहां तो बात एक साथ कई खाद्य पदार्थों की बात हो रही है, जिसका ज्यादा फायदा होता है। कुछ अध्ययनों में यह बात सामने भी आ चुकी हैं कि एक साथ कई तरह की भोजन सामग्रियों का मिश्रण, किसी एक भोजन सामग्री से ज्यादा फायदा होता है और जिसका बीमारियों को रोकने में ज्यादा प्रभाव होता है।
आप इसे यूं समझ सकते हैं, गेहूं या अन्य अनाज की रोटी से भरपूर पोषण पाने के लिए इसे कढ़ी या रायते में डुबोकर खाएं। ऐसा करने से अनाज से जिंक अच्छी तरह अवशोषित हो जाता है।
गेहूं की रोटी पर पीनट बटर
पुराने समय में लोग रोटी में घी लगाकर खाते थे, मगर आज लोग सेहत को लेकर सजग हो गए हैं। सादी रोटी को ही प्राथमिकता देते हैं। शायद आपको मालूम न हो, मगर जब हम देसी गाय के घी या पीनट बटर को रोटी पर चुपड़कर खाते हैं, तो इससे हमारे शरीर को एमिनो एसिड भरपूर मात्रा में मिलता है। जब आपका शरीर प्रोटीन का संश्लेषण करता है, तब इसको उसी समय एमिनो एसिड की आवश्यकता होती है। गेहूं में एमिनो एसिड कम होता है, जो कि मूंगफली के मक्खन के होने से पूरा हो जाता है और ये दोनों संश्लेषण को अच्छा बनाते हैं। वैसे भी मूंगफली के मक्खन को सेहत का पावर हाउस माना गया है।
बिना ड्रेसिंग सलाद क्यों
हाल के अध्ययन बताते हैं कि जो लोग संपूर्ण या कम फैट वाली सलाद खाते हैं, वे ल्यूटीन को सही तरह से अवशोषित करने में सक्षम होते हैं। ल्यूटीन एक माइक्रोन्यूट्रिएंट है, जो आयु से संबंधित होने वाली परेशानी को दूर करने में मददगार है। सलाद पत्ता, पालक, ब्रोकोली, हरी मटर, स्प्राउट्स और अंडे के पीले भाग में ल्यूटिन होता है, लेकिन ध्यान रहे कि ल्यूटिन ऑयल में घुलता है, इसलिए इन हरी सब्ज़ियों के साथ थोड़ा ऑयल या बटर खाना जरूरी है।
इसके अलावा हम जो भोजन करते हैं, उसमें जो वसा होता है, उसमें घुलनशील विटामिन्स (ए, बी, ई और के) होते हैं। उसे सही तरह से अवशोषण के लिए कुछ फैट का होना जरूरी है। यही नहीं कम फैट वाली सलाद लेने से आपका शरीर अच्छी तरह से फाइटोकेमिकल्स को अवशोषित करता है। जब बात वजन कम करने की आती है, तो स्वास्थ्यवर्धक और फाइबर से भरपूर सलाद को कोई मात नहीं दे सकता है। स्प्राउट्स और ढेर सारी सब्जियों से बने सलाद को अपनी डाइट में शामिल करके देखें। इसके सेवन से आप हमेशा शारीरिक रूप से फिट रह सकती हैं। प्रोटीन और कार्बोहाइड्रेट से भरपूर एक से दो पौषि्टक चीजों को भोजन में शामिल करें। इससे आपका पेट भरा हुआ लगेगा और वजन बढ़ने की चिंता भी नहीं सताएगी।
टमाटर के साथ छोले
हमारा शरीर किसी खाद्य पदार्थ से आयरन अच्छी तरह से अवशोषण कर सके, तो इसके लिए जरूरी है विटामिन सी। पालक और छोले से आयरन को एब्जॉर्ब करने के लिए खाने में चाहिए टमाटर या नींबू। या फिर अपनी सलाद में संतरे के कुछ टुकड़े रखें। पालक के साथ इमली या टमाटर मिक्स करके आप इसे और ज्यादा पौष्टिक बना सकती हैं। आयरन से भरपूर छोले में टमाटर जरूर मिक्स करें, ताकि इसका आयरन आपको मिल सके।
धुली दाल कभी भी
कुछ लोगों का तर्क है कि रात में दाल का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे गैस की समस्या होती है। दाल गरिष्ठ खाद्य पदार्थ है, लेकिन रात में आप धुली दाल खा सकते हैं। हां, इसमें आप टमाटर या नींबू मिला सकती हैं। यह ज्यादा सुपाच्य हो जाता है। छिलके वाली दाल या बीन्स जैसे राजमा, मटर आदि को रात में खाने से परहेज करें, क्योंकि यह पचने में ज्यादा समय लेता है। फाइबर और प्रोटीन से भरपूर दाल और बीन्स खाने से भूख तेज होती है और आप जरूरत से ज्यादा खा लेते हैं, शायद इस वजह से लोग इसे रात में खाने से बचते हैं। दोपहर में इसे खाने यह अच्छे से पचता है और कोलेस्ट्रॉल स्तर भी कम होता है। लेकिन सही मात्रा का ध्यान रखें, तो इसका कोई नुकसान नहीं है।
चावल कभी भी, मगर सही मात्रा में
ज्यादातर लोग दोपहर के खाने में चावल खाना पसंद करते हैं, लेकिन आप इसे रात में भी खा सकती हैं। रात में चावल खाने से नींद अच्छी आती है। यह आपके मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और इसके कार्बोहाइड्रेट्स भी शरीर में अच्छे से जाते हैं। हालांकि, रात में चावल खाने से वजन बढ़ता है। यह गैस्ट्रिक का कारण हो सकता है। इसलिए इसका सेवन सीमित मात्रा में करें।
रात में भी दही
पाचनशक्ति के लिए दही अच्छा है। अगर कोई समस्या नहीं है, तो आप इसे किसी भी वक्त खा सकती हैं, लेकिन ताजा दही। हां, अगर इसे गलत समय पर, गलत तरीके से खाएं, तो कुछ लोगों को इससे गैस्ट्रिक या बदहजमी की समस्या हो सकती है। इसलिए ऐसे लोग सुबह से दोपहर के बीच कभी भी इसे खा सकते हैं। रात में दही खाना कफ बनाने वाला होता है। अगर आपको बलगम जल्दी बनती है, तो रात के समय खाने से यह दिक्कत हो सकती है। साथ ही जुकाम भी लग सकता है। दिन के समय खाने से खाना जल्दी डाइजेस्ट होता है और डाइजेस्टिव सिस्टम भी ठीक रहता है।
दोपहर के समय केला
केला खाने का सबसे अच्छा समय है दोपहर। यानी दोपहर के खाने में यदि आप केला खा रही हैं, तो इससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है और त्वचा भी खूबसूरत होती है। फाइबर युक्त केला पाचन में मदद करता है, साथ ही इससे एसिडिटी नहीं होती और शरीर को ठंडक मिलती है। मगर रात में केला नहीं खाना चाहिए, क्योंकि रात में खाने से यह अपच का कारण बन सकता है। वहीं कुछ लोगों के लिए यह कफकारक भी होता है। यह मैग्नीशियम का अच्छा स्रोत है, इसलिए इसे खाली पेट खाने से मना किया जाता है। इससे पेट खराब भी हो सकता है।
नींबू , शहद और सेंधा नमक
नींबू पानी हमारे सिस्टम को एल्कलाइन बनाए रखने के साथ ही शरीर को नमी भी प्रदान करता है। सेंधा नमक शरीर के एलेक्ट्रोलाइट के स्तर को बढ़ाता है और ऑर्गेनिक शहद हमें आवश्यक खनिज पदार्थ और ऊर्जा देता है।
मसालेदार जौ का पानी
जौ को विटामिन्स, खनिज पदार्थों, बीटा ग्लूकैन और एंटीऑक्सीडेंट का अच्छा स्रोत माना गया है। ये इंफ्लेमेशन से लड़ने में मदद करते हैं। इसमें अगर अजवायन और जीरा जैसे मसाले मिले हों, तो इससे हमारा पाचन तंत्र बेहतर रहता है। इसके अलावा यह खून तो साफ करता ही है, सूजन जैसी समस्याओं को भी ठीक करता है।
हल्दी और काली मिर्च
हल्दी में करक्यूमिन नामक एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है, जो कैंसर और अल्जाइमर जैसी बीमारियों के होने की संभावना को काफी हद तक कम करता है। वहीं, हल्दी में काली मिर्च पाउडर को मिलाने से करक्यूमिन को अवशोषित करने की क्षमता बढ़ जाती है। काली मिर्च की गर्मी शरीर में मौजूद झिल्ली (मेंब्रेन) को भी अधिक नुकसान नहीं पहुंचाती।
फल, नट्स और सीड्स
अल्टरनेटिव मेडिसिन एंड होलिस्टिक न्यूट्रिशनिस्ट में एमडी ल्यूक कॉटिन्हो बताते हैं कि कुछ भोजन सामग्रियों का मिश्रण आपको पूरे दिन ऊर्जावान बनाए रखता है। इन्हीं में शामिल हैं कुछ फल, नट्स और सीड्स। फलों को कार्बोहाइड्रेट्स और फाइबर का सबसे अच्छा स्रोत माना गया है, जो शरीर को तुरंत ऊर्जा प्रदान करते हैं। लेकिन जब आप भीगे हुए नट्स या बीजों को फलों के साथ मिलाकर खाते हैं, तब इसमें खनिज और विटामिन्स की मात्रा दोगुनी हो जाती है। साथ ही नट्स और बीजों में भरपूर मात्रा में प्रोटीन, हेल्दी फैट्स और फाइबर पाए जाते हैं।
सेब, एवोकाडो और केला
जिमपिक (एग्रीगेटर ऑफ हेल्थ एंड फिटनेस सेंटर फॉर ट्रेनर्स एंड कंज्यूमर्स) में न्यूट्रिशनिस्ट एवं आहार विशेषज्ञ सुजाता शेट्टी का कहना है कि सेब, एवोकाडो और केला को मिलाकर बने फ्रूट सलाद में फ्लेवोनॉएड्स, पेकि्टन, फाइबर, हेल्दी फैट्स जैसे एमयूएफए, फॉलिक एसिड और पोटैशियम आदि भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। यह शरीर में शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर के स्तर को नियंत्रित करने और इम्यूनिटी को बढ़ाने में मदद करते हैं।
अमरूद, पपीता और कीवी
न्यूट्रिशनिस्ट एवं आहार विशेषज्ञ सुजाता शेट्टी का कहना है कि इन तीनों फलों में विटामिन सी, फाइबर, कैरोटीन, मैग्नीशियम और पोटैशियम आदि खनिज पदार्थ भरपूर मात्रा में मौजूद होते हैं। ये कब्ज दूर करने के साथ ही पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाते हैं। ये सभी फल मेटाबॉलिज्म को भी रेगुलेट करते हैं।
अनाज, दही और फल
यह तो आप जानती ही होंगी कि सुबह का नाश्ता स्वस्थ रहने के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। न्यूट्रिशनिस्ट समृदि्ध गोयल कहती हैं कि प्रोटीन और फाइबर से भरपूर भोजन पेट भरा होने का अहसास कराते हैं, इसलिए जो भी अनाज आप खा रही हैं, उसे मलाई रहित दूध या दही और फल के साथ खाएं।
नाश्ते में सेब
पेट भरने के लिए बेशक आप सेब कभी भी खाएं, लेकिन सेब खाने का सही समय है सुबह। नाश्ते में यदि आप रोजाना एक सेब खाएंगी, तो इससे ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर कम होता है। इसमें मौजूद पेक्टीन, शरीर को संतुलित रखता है, लेकिन जब हम इसे रात में खाते हैं, तो इसमें मौजूद पेकि्टन आसानी से नहीं पचता है। इस कारण से पेट में एसिडिटी हो सकती है।
रात में आलू से करें परहेज
वजन नहीं बढ़ाना चाहती हैं, तो रात में आलू का सेवन कम कर दें। हां, इसे नाश्ते मे शामिल किया जा सकता है, क्योंकि आलू का स्टार्च कोलेस्ट्रॉल को कम करता है। रात में इसे खाने से आपका वजन बढ़ सकता है।