उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मचारियों का कार्य बहिष्कार आंदोलन दूसरे दिन भी जारी है। जिससे कई जिलों में विद्युत आपूर्ति ठप हो गई है। लोग परेशान हैं। इसे लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ऊर्जा विभाग की बैठक बुलाई है। उम्मीद है कि बैठक में कर्मचारियों को कोई भरोसा दिलाया जाएगा जिससे कि हड़ताल खत्म हो सके।
मेरठ में निजीकरण के विरोध में बिजली कर्मियों का कार्य बहिष्कार दूसरे दिन भी जारी है। पीवीवीएनएल कर्मी ऊर्जा भवन पर धरना दे रहे हैं। कैश काउंटर और कार्यालय बंद होने से लोगों के काम नहीं हो पा रहे हैं। जिला प्रशासन की निगरानी में संविदा कर्मियों और पूर्व सैनिकों ने बिजली आपूर्ति की कमान संभाल रखी है।
बता दें कि सोमवार देर शाम ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा के साथ विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति, यूपी के पदाधिकारियों की लंबी वार्ता में निजीकरण न किए जाने पर सहमति तो बन गई। लेकिन, पावर कॉर्पोरेशन के चेयरमैन ने यह कहते हुए दस्तखत करने से इन्कार कर दिया कि दो-तीन दिन का समय चाहिए।
इससे नाराज बिजली कर्मचारी नेताओं ने कॉर्पोरेशन प्रबंधन पर अनावश्यक टकराव पैदा करने का आरोप लगाते हुए आंदोलन जारी रखने का फैसला किया। बिजलीकर्मियों के कार्य बहिष्कार के कारण राजधानी समेत प्रदेश में कई क्षेत्रों में आपूर्ति प्रभावित हुई है। राजस्व वसूली पर भी प्रभाव पड़ा है। पूर्वांचल में कार्य बहिष्कार का व्यापक असर रहा।
अपर मुख्य सचिव ऊर्जा व पावर कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष अरविंद कुमार ने कहा कि बिजली कर्मचारी नेताओं के साथ सोमवार को हुई वार्ता बेनतीजा रही। संघर्ष समिति की मांगों पर विचार करने के लिए दो-तीन दिन का समय मांगा है। वार्ता आगे भी जारी रहेगी।
लखनऊ के वीवीआईपी इलाकों में दिन में कई घंटे आपूर्ति बंद रही। पूर्वांचल के जिलों खासकर वाराणसी, जौनपुर, मिर्जापुर, कुशीनगर, गोरखपुर, महराजगंज, देवरिया, भदोही, संतकबीरनगर आदि में आपूर्ति व्यवस्था प्रभावित होने की सूचना है। कामकाज ठप रखने की वजह से राजस्व वसूली पर भी असर पड़ा है।