अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन में इरान समर्थित हाउती विद्रोहियों को आतंकवादी समूह करार दिया है। अपने एक बयान में उन्होंने कहा है कि अगल हाउती लाल सागर में अपनी हरकतों को जारी रखते हैं, तो अमेरिका उनके खिलाफ जवाबी कार्रवाई करता रहेगा।
अमेरिका और ब्रिटेन ने शुक्रवार रात लड़ाकू विमानों, युद्धपोतों और पनडुब्बियों से यमन पर भीषण हमला कर हाउती विद्रोहियों की हवाई पट्टियों और सैन्य ठिकानों को भारी नुकसान पहुंचाया। इस दौरान पांच क्षेत्रों में 100 मिसाइलों और बमों से 60 से ज्यादा लक्ष्यों को निशाना बनाया गया। लाल सागर पर मालवाहक जहाजों पर हाउती के हमले के जवाब में यह कार्रवाई की गई है।
हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय मार्ग को बाधित करने और उससे गुजरने वालों पर हमलों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। जबकि ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक ने कहा है कि यमन में आत्मरक्षा के लिए कार्रवाई की गई है। लाल सागर से गुजरने वाले जहाजों पर हमले न रुके तो फिर कार्रवाई की जाएगी। जबकि हाउती ने कहा है कि उसके ठिकानों पर 73 हवाई हमले किए गए हैं जिनमें पांच लोग मारे गए और छह घायल हुए हैं। अमेरिका को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी। हमलों के बाद रूस ने सुरक्षा परिषद की बैठक बुलाई है।
मध्य-पूर्व में अमेरिकी वायुसेना की कार्रवाइयों के प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल एलेक्स ग्रिंकेविच ने बताया है कि यमन में 16 स्थानों पर 60 लक्ष्यों को 100 से ज्यादा गाइडेड मिसाइलों और बमों से निशाना बनाया गया। इनसे हाउती की हमले की क्षमता कम होगी। अमेरिकी और ब्रिटिश हमलों में राजधानी सना और तईज के नजदीक की हवाई पट्टियों और शस्त्रागारों को निशाना बनाया गया है। इनके अतिरिक्त होदेदा बंदरगाह और तटवर्ती हज्जा को भी मिसाइलों से भारी नुकसान हुआ है।
टैंकरों ने अपना रास्ता बदला
हाउती के कब्जे वाले यमन के इलाकों पर शुक्रवार रात करीब ढाई बजे हमले हुए। इन हमलों के बाद लाल सागर और उसके नजदीक से गुजरने वाले टैंकरों ने अपना रास्ता बदल लिया है। इसके चलते विश्व बाजार में कच्चे तेल की कीमत में उछाल आया है। हाउती के प्रवक्ता मुहम्मद अब्दुल-सलाम ने कहा, अमेरिका और ब्रिटेन ने मूर्खता की है, यह हमारे ऊपर हमला है। इस तरह के हमलों से हम फलस्तीन और गाजा के समर्थन से पीछे हट जाएंगे, उनका यह सोचना गलत है।
हाउती की सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल याह्या सारी ने कहा है कि अमेरिका और ब्रिटेन ने युद्धपोतों, पनडुब्बियों और लड़ाकू विमानों से यमन के पांच इलाकों पर 73 हमले किए। इन हमलों में पांच लोग मारे गए हैं और छह घायल हुए हैं। ईरान, हमास और हिजबुल्ला ने यमन पर हमलों की ¨नदा की है।
27 जहाजों पर हमलों से 55 देश हुए प्रभावित
अमेरिका, ब्रिटेन, आस्ट्रेलिया, बहरीन, कनाडा, डेनमार्क, जर्मनी, नीदरलैंड्स, न्यूजीलैंड और दक्षिण कोरिया ने संयुक्त बयान जारी कर यमन पर हमलों को आत्मरक्षा की कार्रवाई बताया है। कहा है कि लाल सागर में नवंबर से जारी हाउती के हमलों में 27 मालवाहक जहाजों को निशाना बनाया गया। इससे 55 देश प्रभावित हुए हैं।
हाउती पर हमले से सऊदी अरब ने झाड़ा पल्ला
यमन में हाउती विद्रोहियों से कई वर्ष लड़ चुके सऊदी अरब ने देर न करते हुए इन हमलों में खुद के शामिल न होने का बयान दिया। साथ ही कहा कि इस मामले में दोनों पक्ष संयम बरतें। सऊदी अरब का हाउती विद्रोहियों के साथ युद्धविराम हो चुका है। हाउती के समर्थक ईरान के साथ भी संबंधों में सुधार हुआ है।