मध्य प्रदेश में चल रही सियासी उठापटक के बीच राज्यसभा चुनाव के लिए बसपा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। विधानसभा में कमलनाथ सरकार को समर्थन दे रही बसपा राज्यसभा चुनाव में भी कांग्रेस का समर्थन करेगी अभी यह स्पष्ट नहीं है जबकि सपा ने कांग्रेस के साथ रहने का ‘स्टैंड” लिया है। बसपा को पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देशों का इंतजार है। प्रदेश में सत्ता के संग्राम को लेकर कांग्रेस और प्रमुख विपक्षी दल भाजपा में भारी उथल-पुथल मची हुई है। इस बीच राज्यसभा चुनाव के लिए नामांकन पत्र जमा करने की शुक्रवार को अंतिम तिथि बीत गई, अब 26 मार्च को चुनाव का दिन है।
बसपा ने अब तक अपने दोनों विधायकों के समर्थन को लेकर पत्ते नहीं खोले हैं। बसपा प्रदेश इकाई का कहना है कि हम पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। चुनाव में किसका समर्थन करना है यह अभी तय नहीं है, मायावती का संकेत मिलने के बाद ही संबंधित दल को समर्थन दिया जाएगा। इसके विपरीत समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव में अपने एकमात्र विधायक को कांग्रेस का ही साथ देने संकेत दिया है।
मप्र सपा के प्रदेश प्रभारी जगदेव यादव का कहना है कि हम कांग्रेस के साथ ही हैं। बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल ने राज्यसभा चुनाव के संदर्भ में स्पष्ट किया कि विधानसभा में हमारा समर्थन कमलनाथ सरकार को है, लेकिन राज्यसभा चुनाव के लिए हमें पार्टी सुप्रीमो मायावती के निर्देश का इंतजार है।
उल्लेखनीय है कि बेंगलुरु में मौजूद सिंधिया समर्थक 19 विधायकों को सरकार के खिलाफ बगावती बताकर भाजपा ने कमलनाथ सरकार को अल्पमत में बताते हुए इस्तीफे की मांग उठाई है। भाजपा, राज्य सरकार के बहुमत पर सवाल उठा रही है वहीं कांग्रेस का दावा है कि जब तक विधायकों के इस्तीफे मंजूर नहीं होते तब तक उसका बहुमत बना हुआ है।