यूपी के उपचुनावों में साथ क्या आए सपा बसा ने गठबंधन की सारी दूरियों को खत्म करने की ओर कदम बढ़ा दिए हैं. सपा-बसपा ने इस बार 14 अप्रैल को बड़े स्तर पर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर की जयंती मनाने की योजना बनाई है. हालांकि सपा अभी तक हर साल उनका जन्मदिन सांकेतिक रूप से मनाती रही है. जबकि बसपा बड़े जश्न के साथ मनाती रही है. हाल ही में उपचुनाव में सपा को बसपा के समर्थन से मिली जीत के बाद सपा ने अंबेडकर के प्रति प्रेम और सम्मान को खुलकर जाहिर करने का फैसला किया है. इसी के मद्देनजर सपा आलाकमान ने प्रदेश की सभी जिला इकाइयों को अंबेडकर जयंती को बड़े स्तर पर मनाने का निर्देश दिए हैं.
सपा का अंबेडकर प्रेम
बता दें कि 14 अप्रैल को सपा अमूमन हर साल सिर्फ पुष्पांजलि अर्पित करके खानापूर्ति करती रही है. इस बार बाबा साहेब के जन्मदिन को पार्टी खास बनाने जा रही है. सपा ने अपने हर कार्यकर्ता को इस कार्यक्रम से जोड़ने का प्लान बनाया है.
सपा डॉ. अंबेडकर पर बनी शॉर्ट फिल्म को हर जिले में दिखाएगी. इसके अलावा उनके जीवन पर बनी किताब वितरित करेगी. साथ ही सभी जिलों में संगोष्ठी का आयोजन कर रही है. सपा इतने बड़े स्तर पर पहली बार कार्यक्रम कर रही है. समाजवादी पार्टी का यह कदम BSP के साथ हुए गठबंधन के बाद माहौल बनाने की दूसरी कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.
अंबेडकर जयंती पर बसपा का प्लान
हालांकि, सपा-बसपा दोनों पार्टियां अलग-अलग तरह से 14 अप्रैल को बाबा साहेब का जन्मदिन मनाएंगी. लेकिन इस बार दोनों पार्टियां बाबा साहेब के जन्मदिन के आयोजन में बीजेपी से पीछे नहीं दिखना चाहती हैं. इसीलिए दोनों पार्टियों ने बड़े स्तर पर कार्यक्रम बनाए हैं.
बीजेपी का अंबेडकर प्रेम
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी इस दिन छत्तीसगढ़ के दलित और आदिवासी क्षेत्र में रहेंगे देशभर के दलितों को बड़ा संदेश देने की कोशिश करेंगे. बीजेपी के तमाम कार्यकर्ताओं को बड़े स्तर पर इसे मनाने के निर्देश दिए गए हैं, साफ है कि चुनावी साल से पहले बाबा साहेब के जन्मदिन पर सियासी पार्टियों ने अपनी सियासत के लिए इस आयोजन को बड़े स्तर पर मनाने की रणनीति बनाई हैं.