बिजनेस टुडे माइंडरश 2019 के अपने स्वागत भाषण में इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने कहा कि बदलाव को स्वीकार न पाने वाले संगठन केस स्टडीज के कूड़ेदान में चले जाते हैं. बिजनेस टुडे माइंडरश कार्यक्रम इंडिया टुडे ग्रुप का बिजनेस पर आधारित सलाना आयोजन है. यह समिट अंतरराष्ट्रीय स्तर के लीडर्स और भारतीय उद्योग जगत के दिग्ग्जों को प्रबंधन की सोच और व्यावसायिक रणनीतियों को तैयार करने के लिए विचारों के आदान-प्रदान करने का मंच देता है. इस कार्यक्रम का आयोजन 14 फरवरी, गुरुवार को किया गया.
इंडिया टुडे ग्रुप के चेयरमैन एवं एडिटर-इन-चीफ अरुण पुरी ने कहा, ‘सुबह से चल से सभी सत्र इस तरह से तैयार किए गए हैं कि इनमें बाजार, कारोबार और वैश्विक माहौल में किस तरह से बदलाव हो रहा है, इन पर चर्चा हो सके. यह इस बात पर चर्चा के लिए भी था कि आज टेक्नोलॉजी क्रांति आ रही है और संगठनों को इन बदलावों का फायदा उठाने के लिए क्या करना चाहिए.. बिजनेस टुडे नए तरह की टेक्नॉलाजी के बारे में काफी समय से लिखता रहा है, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉक चेन, रोबोटिक्स, मशीन लर्निंग, 3डी प्रिंटिंग आदि. मेरा मानना है जो संगठन बदलाव स्वीकार नहीं कर पाते वे केस स्टडीज के कूड़ेदान में जाने को बाध्य हो जाते हैं.’
उन्होंने कहा, ‘इस समिट में देश के बेस्ट बिजनेस लीडर्स को सम्मानित किया जाता है. किसी बिजनेस में कई पक्ष होते हैं, लेकिन सीईओ को इन सबको डील करना होता है. पहले किसी बिजनेस लीडर्स के प्रदर्शन की जांच के लिए यह देखा जाता था कि राजस्व और मुनाफे में बढ़त को वह कितनी कुशलता से प्रबंधित कर पाता है. लेकिन आज यह देखा जाता है कि कोई कारोबार कितना बढ़िया कॉरपोरेट सिटीजन है.’
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