पंचायती राज को लेकर नीतीश सरकार ने बड़ा फैसला किया, जिस वजह से अब बिहार में पंचायत चुनाव दलीय आधार पर नहीं होंगे. पंचायती राज विभाग से जुड़ी योजनाओं और उपलब्धियों के बारे में जानकारी देते हुए विभागीय मंत्री कपिलदेव कामत और प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने इस बात की जानकारी दी. आगे उन्होंने कहा कि बिहार में त्रिस्तरीय पंचायती राज व्यवस्था का चुनाव दलीय आधार पर कराने का कोई विचार फिलहाल सरकार के पास नहीं है.

अपने बयान में प्रधान सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि सरकार का पूरा ध्यान इस बात पर केंद्रित है कि पंचायती राज व्यवस्था के जरिए लोगों तक सरकार की योजनाओं का लाभ पहुंचे और इसीलिए पंचायती राज विभाग की तरफ से चलाई जा रही विकास योजनाओं का ऑडिट कराने का भी फैसला लिया गया है.
कई वर्षों से पंचायत चुनाव दलीय आधार पर करवाने की मांग की जा रही है. वर्ष 2017 में उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने भी कहा था कि इसको लेकर सरकार कदम बढ़ाएगी और सरकार अन्य दलों से भी बात करेगी. हालांकि राज्य सरकार के फैसले के बाद विपक्ष इस मुद्दे को लेकर हमलावर है. राजद ने सरकार के इस फैसले को दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए इसकी जमकर आलोचना की है और कहा है कि पंचायत चुनाव दलीय आधार पर होना चाहिए. तो वहीं पार्टी के प्रवक्ता विजय प्रकाश ने कहा कि सरकार जमीन पर पकड़ होने का दंभ भरती है, अगर पकड़ है तो दलीय आधार पर चुनाव करा ले. सारी हकीकत जनता के सामने आ जाएगी.
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