फ‍िर डराने लगा कोरोना, महाराष्ट्र में लॉकडाउन की वापसी, जमावड़ों पर रोक, पुणे में स्कूल कॉलेज बंद

 महाराष्ट्र, केरल, पंजाब, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों ने चिंता बढ़ा दी है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि अगले आठ दिन तय करेंगे कि क्या राज्य में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। बढ़ते मामलों को देखते हुए राज्य के अमरावती जिले में सोमवार से एक हफ्ते के लिए लॉकडाउन लगा दिया गया है। पुणे में भी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग संस्थान को बंद करने का आदेश दिया गया है। संक्रमण को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने प्रभावित राज्यों को आरटी-पीसीआर टेस्ट में तेजी लाने को कहा है।

लोगों की लापरवाही से बढ़ रहे मामले

स्वास्थ्य विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लोगों की लापरवाही के चलते महाराष्ट्र एक बार फिर संक्रमण की चपेट में आते नजर आ रहा है। इनका कहना है कि लोगों ने मास्क पहनना और दो गज की शारीरिक दूरी बनाए रखना छोड़ दिया है।

उद्धव बोले- लॉकडाउन नहीं चाहते हैं तो मास्‍क पहने 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राज्य के लोगों के नाम जारी वीडियो संदेश में कहा, ‘क्या आप लॉकडाउन चाहते हैं। अगले आठ दिनों में तय होगा। राज्य में आज करीब सात हजार नए केस मिले हैं। अगर कोरोना के हालात गंभीर होते हैं तो हमें राज्य में लॉकडाउन लगाना पड़ेगा। जो लोग लॉकडाउन चाहते हैं वो बिना मास्क के आराम से बाहर घूम सकते हैं और जो लोग नहीं चाहते हैं वो मास्क पहनें और नियमों का पालन करें।’

जमावड़ों पर रहेगी रोक 

उद्धव ठाकरे ने कहा कि राज्य में राजनीतिक धरना प्रदर्शनों, रैलियों, धार्मिक और सामाजिक कार्यक्रमों पर कुछ दिनों के लिए रोक रहेगी, क्योंकि इनमें भीड़ ज्यादा होती है। वहीं, उद्धव सरकार में मंत्री यशोमति ठाकुर ने कहा कि अमरावती में 22 फरवरी से लॉकडाउन लगाया गया है, जो एक मार्च की सुबह आठ बजे तक जारी रहेगा।

चार अन्य जिलों में भी पाबंदियां 

अमरावती मंडल के चार अन्य जिलों अकोला, वाशिम, बुल्ढाड़ा और यवतमाल में भी कुछ पाबंदियां लगाई गई हैं। आवश्यक सामान की दुकानों को छोड़कर लॉकडाउन में सभी दुकानें, सरकारी और निजी शैक्षणिक संस्थान, कोचिंग सेंटर, ट्रेनिंग स्कूल बंद रहेंगे। लोगों को सुबह नौ बजे से शाम पांच बजे तक ही सामान खरीदने की छूट होगी। अमरावती में रविवार को 709 नए मामले मिले।

पुणे में स्‍कूल कॉलेज बंद 

पुणे में भी 28 फरवरी तक सभी स्कूल, कॉलेज और कोचिंग सेंटर बंद कर दिए गए हैं। रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक आवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों को छोड़कर बाकी लोगों के घर से निकलने पर रोक लगा दी गई है। विशेषज्ञों और सरकारी अधिकारियों का कहना है कि लोगों की लापरवाही से मामले बढ़ रहे हैं। लोगों ने मास्क पहनना और दो गज की दूरी बनाए रखना छोड़ दिया है। राज्य में पिछले 24 घंटों के दौरान 6,971 नए मामले मिले हैं और 35 लोगों की मौत हुई है।

यह दूसरी लहर नहीं

पिछले साल अप्रैल में गठित कोरोना वायरस टास्क फोर्स के प्रमुख डॉ. संजय ओक ने कहा कि राज्य में बढ़ते मामले को महामारी की दूसरी लहर नहीं कहा जा सकता, लेकिन लोग पाबंदियों और निर्देशों को नहीं मान रहे हैं। महाराष्ट्र के प्रधान स्वास्थ्य सचिव प्रदीप व्यास ने कहा कि लोगों की अनुशासनहीनता और लापरवाही से मामले बढ़ रहे हैं। राज्य में मामलों के दूना होने की दर 600 दिनों से घटकर 393 दिन पर आ गई है। 24 घंटे के दौरान महाराष्ट्र में छह हजार से ज्यादा नए मामले मिले हैं।

केरल के अलप्पुझा में संक्रमण दर बढ़कर 10.7 फीसद हुई

केरल के अलप्पुझा जिले में भी मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां साप्ताहिक संक्रमण की दर बढ़कर 10.7 फीसद हो गई है। इस दौरान 2,833 मामले भी सामने आए हैं। इसके अलावा पंजाब, जम्मू-कश्मीर, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में भी पिछले कुछ दिनों से मामले बढ़ रहे हैं।

केंद्र ने महाराष्‍ट्र और केरल को दिए निर्देश 

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने महाराष्ट्र और केरल से बढ़ते मामलों को देखते हुए आरटी-पीसीआर टेस्ट में तेजी लाने को कहा है। केंद्र ने कहा कि रैपिड एंटीजेन टेस्ट में जिनकी रिपोर्ट निगेटिव आई हो, उनकी अनिवार्य रूप से आरटी-पीसीआर टेस्ट कराया जाए। इसके साथ ही वायरस की संरचना में हो रहे बदलाव पर भी लगातार नजर रखने का सुझाव दिया है।

सक्रिय मामलों की संख्या बढ़ी

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से रविवार सुबह आठ बजे जारी आंकड़ों के मुताबिक सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 1,45,634 हो गई है, जो कुल मामलों का 1.32 फीसद है। इस दौरान 14,264 नए मामले मिले हैं और 90 लोगों की मौत हुई है। कुल संक्रमितों का आंकड़ा एक करोड़ नौ लाख 91 हजार से अधिक हो गया है। इनमें से एक करोड़ छह लाख 89 हजार मरीज पूरी तरह से ठीक हो चुके हैं और 1,56,302 लोगों की जान भी जा चुकी है।

शनिवार को 6.70 लाख टेस्ट

भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आइसीएमआर) के मुताबिक कोरोना संक्रमण का पता लगाने के लिए शनिवार को देशभर में 6.70 लाख नमूनों की जांच की गई। इनको मिलाकर अब तक कुल 21.09 करोड़ नमूनों का परीक्षण किया जा चुका है।

 

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