भारत और फ्रांस के बीच हुई राफेल डील पर फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने कहा है कि यदि भारत इस मुद्दे पर विपक्ष के साथ किसी तरह की बहस के लिए डील की कुछ बारीकियों से पर्दा उठाना चाहता है तो फ्रांस सरकार विरोध नहीं करेगी. इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में मैक्रों ने कहा कि इस डील में इकोनॉमिक, इंडस्ट्रियल और स्ट्रैटेजिक हितों का पूरा ध्यान रखा गया है.
हालांकि, मैक्रों ने कहा कि यह डील उनके कार्यकाल में नहीं की गई है लेकिन उनका मानना है कि इस डील से दोनों देशों को फायदा हुआ है. डील पर बरती जा रही गोपनियता पर मैक्रों ने कहा कि दोनों देशों के बीच जब किसी मामले पर बेहद सेंसिटिव बिजनेस इंटरेस्ट शामिल रहते हैं तो खुलासे करना उचित नहीं रहता. मैक्रों ने कहा कि इस डील में कॉमर्शियल एग्रीमेंट के तहत प्रतियोगी कंपनियों को डील की बारीकियों की जानकारी नहीं होनी चाहिए. यह कमर्शियल एग्रीमेंट कुछ कंपनियों के हितों से जुड़े हैं लिहाजा इनपर गोपनीयता जायज है.
मैकरॉन ने कहा कि कुछ टेक्निकल मुद्दों पर रहस्य केवल कॉमर्शियल एग्रीमेंट के कारण है. मैक्रों ने दावा किया कि यदि भारत में मोदी सरकार इस डील पर उठ रहे विवादों के बीच विपक्ष के साथ संवाद में कुछ बारीकियों पर से पर्दा उठाना चाहती है तो उनकी सरकार को इसमें कोई आपत्ति नहीं होगी.
भारत और फ्रांस के बीच इस रक्षा समझौते पर मैक्रों ने कहा यह डील एक अच्छे नेगोसिएशन के माहौल में हुई है. इसके साथ ही यह डील भारत की सुरक्षा के लिए बेहद अहम. मैक्रों के मुताबिक राफेल डील भारत और फ्रांस के बीच वृहद सहमति के एक हिस्से के तौर पर यह डील है. मैक्रों ने इंडिया टुडे को बताया कि उनके मुताबिक भारत सरकार ने अपने देश का पक्ष अच्छे ढंग से रखा था.
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