मध्य प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने मंगलवार को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को पत्र लिखकर फिल्म अभिनेताओं में बढ़ रहे ड्रग्स के प्रचलन पर रोक लगाने की मांग की है। सारंग ने सुझाव दिया है कि खिलाडि़यों की तरह फिल्म अभिनेताओं के भी डोप टेस्ट कराए जाने के लिए नियम बनाए जाएं। जैसे लॉकडाउन के बाद फिल्मों और टीवी सीरियल में शूटिंग से पहले कोरोना टेस्ट कराने के बाद ही सेट पर आने की इजाजत थी, उसी तरह शूटिंग के समय अभिनेताओं के लिए डोप टेस्ट अनिवार्य किया जाए।
ड्रग का प्रचलन बढ़ने से देश के युवाओं पर बुरा प्रभाव
अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की आत्महत्या के बाद अभिनेताओं में ड्रग्स सेवन के मामले पर देशव्यापी बहस शुरू हुई है। मंत्री सारंग ने अपने पत्र में बड़ी समस्या की ओर इशारा किया है। सारंग ने लिखा है कि आजकल युवाओं के आइकॉन फिल्म अभिनेता बन गए हैं। वे अपने चहेते सितारों की स्टाइल, ड्रेस की नकल करने के साथ उनकी जैसी जीवन शैली भी अपनाने लगे हैं। वहीं फिल्मी सितारों में ड्रग का प्रचलन बढ़ने से देश के युवाओं पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है।
खिलाड़ी का कभी भी टेस्ट
सारंग ने याद दिलाया कि खेलों में ड्रग्स के बढ़ते चलन को रोकने के लिए किसी भी खिलाड़ी का कभी भी डोप टेस्ट लिया जा सकता है। इसके लिए संबंधित फेडरेशन को जिम्मेदारी दी गई है। इसमें दोषियों को दो साल की सजा से लेकर आजीवन खेलने पर पाबंदी जैसे प्रविधान हैं। खिलाड़ियों का डोप टेस्ट विश्व डोपिंग विरोधी संस्था या राष्ट्रीय डोपिंग विरोधी संस्था द्वारा किया जाता है।
सिने जगत के लिए बने नियमावली
सारंग ने सिने जगत के लिए भी खिलाड़ियों की तरह नियमावली बनाने और उसे प्राथमिकता पर लागू करने की वकालत की है। इससे सितारों पर तो अंकुश लगेगा ही युवाओं को भी नशाखोरी की ओर जाने से रोका जा सकेगा।