चिंताहरण जंत्री के संपादक पंडित विजय त्रिपाठी के मुताबिक, इस होलिका दहन में भद्रा का दोष नहीं है। होलिका का दहन प्रदोष काल में करना शुभ होता है। सोमवार को शूल योग शाम 4.57 बजे लगेगा। इस योग के शुरुआती दो घंटे तक होलिका दहन नहीं हो सकता है। इसलिए, शाम 6.57 बजे से रात्रि 7.43 बजे के बीच होलिका दहन करना शुभ होगा, क्योंकि इस अवधि में यायिजय योग, पूर्णिमा, सिंह राशि का चंद्रमा और सोमवार का संयोग होगा। इस अवधि में होलिका का दहन करने से नकारात्मक ऊर्जा का शमन होगा और सकारात्मक ऊर्जा मिलेगी।
होलिका दहन के साथ ही होलाष्टक समाप्त हो जाएगा और फिर मांगलिक कार्य शुरू होंगे। होली से आठ दिन पूर्व तक भक्त प्रहलाद को अनेक यातनाएं दी गई थीं, जिसके कारण इस काल को होलाष्टक कहा जाता है। होलाष्टक में नकारात्मकता चरम पर होती है, इसलिए कोई मांगलिक कार्य नहीं होते। होलिका दहन के साथ ही विवाह व अन्य शुभ कार्य किए जा सकते हैं। वहीं ज्योतिषाचार्य पं. ऋ षि द्विवेदी के अनुसार, होलिका दहन का शुभ समय प्रदोष में शाम 5.30 से 6.30 बजे तक रहेगा। रात 11.27 बजे से पहले होलिका दहन कर लेना होगा। होली मंगलवार को खेली जाएगी।
इसलिए होलिका दहन
फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को ही हिरण्यकश्यप की बहन होलिका ने श्रीहरि विष्णु के भक्त प्रहलाद को आग में जलाकर मारना चाहा था। भगवान विष्णु की कृपा से प्रहलाद बच गए और होलिका जलकर मर गई, तभी से होलिका दहन की परंपरा शुरू हुई। होलिका में नए अनाज की आहुति देनी चाहिए। इसलिए जौ, गेहूं, चना की बालियां गन्ने में बांधकर होलिका में भूनकर इसका प्रसाद ग्रहण करना चाहिए।
चौक की ‘चकल्लस’ 11 को
होली के बाद 11 मार्च को अखिल भारतीय कवि सम्मेलन ‘चकल्लसÓ का आयोजन चौक में खुनखुन जी रोड पर होगा। मध्य प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन की मौजूदगी में होने वाले आयोजन में कई जानेमाने कवि हिस्सा लेंगे। रंगोत्सव समिति के महामंत्री अनुराग मिश्रा ने बताया कि भारतरत्न अटल बिहारी वाजपेयी से लेकर संतोषानंद, अशोक चक्रधर, मुनव्वर राना, डॉ.गोपालदास नीरज व पद्मश्री डॉ. योगेश प्रवीन सहित कई गणमान्य लोगों को यहां सम्मानित किया जा चुका है। चौक के खुनखुन जी रोड पर रात्रि आठ बजे से होने वाले अखिल भारतीय कवि सम्मेलन में शंभू शिखर (बिहार), प्रेरणा ठाकरे(मध्य प्रदेश), डॉ. भगवान मकरंद (राजस्थान),डॉ. सुमन दुबे (गाजीपुर), अनिल अमल (लखीमपुर), हेमंत पांडेय (कानपुर), दिनेश बावरा (मुंबई), प्रख्यात मिश्रा (लखनऊ), राकेश वाजपेयी (लखनऊ), गौरव चौहान (इटावा) और दमदार बनारसी (वाराणसी) समेत कई कवि अपनी रचनाएं प्रस्तुत करेंगे।
आशियाना में नहीं होगी होली
कोरोना के चलते आशियाना रेजीडेंट्स एसोसिएशन की ओर से 10 मार्च को सामूहिक होली न खेलने का निर्णय लिया है। एसोसिएशन के महासचिव आरके भाटिया ने बताया कि सेक्टर-के स्थित शिव मंदिर में नौ मार्च को होलिका दहन होगा। प्रचार सचिव आलोक द्विवेदी ने बताया कि सामूहिक सुरक्षा कारणों से यह निर्णय लिया गया है। गुरुद्वारों में जहां 10 मार्च को होला महल्ला के चलते फूलों की होली होगी तो आशियाना परिवार की ओर से द्विवेदी पार्क में गुलाब की पंखुरियों के साथ हर्बल गुलाल की होली होगी। श्री श्याम परिवार की ओर से श्री खाटू श्याम मंदिर परिसर में प्राकृतिक रंगों के साथ ही हर्बल गुलाल से खेली जाने वाली होली स्थगित हो गई है।
फूलों की हुई बुकिंग
फूल वाली गली और चौक स्टेडियम के पास फूल लगने वाली फूल मंडी में भी फूलों की मांग बढऩे के साथ बुकिंग शुरू हो गई है। दुकानदार कल्लू ने बताया कि गुरुद्वारे के साथ ही कई आवासीय सोसाइटियों की ओर से गुलाब और गेंदे की बुकिंग की गई है। फुटकर में 10 से 20 फीसद दाम अभी से बढ़ गए हैं। सोमवार को इनकी कीमतें और बढ़ जाएंगी।
महाआरती के साथ जलेगा कोरोना का वायरस
मनकामेश्वर उपवन घाट पर नौ मार्च को होलिका दहन के साथ ही आदिगंगा गोमती की महाआरती होगी। महंत देव्या गिरि ने बताया कि कंडों होली बनाने का कार्य शुरू हो गया है। प्रतीकात्मक रूप से कोरोना वायरस का दहन भी किया जाएगा। इसके पीछे मंशा यह है कि आम लोगों के अंदर खौफ दूर हो। ब’चों को प्रकृति से प्रेम करने और पेड़ों को कटने से बचाने के लिए भी प्रतियोगिता के साथ जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। होली के दिन मंदिर परिसर में हर्बल गुलाल से बाबा का शृंगार किया जाएगा।