फरार चल रहीं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने बुर्के में किया सरेंडर

बिहार के मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में फरार चल रहीं पूर्व मंत्री मंजू वर्मा ने सरेंडर कर दिया है। उन्होंने एक गाड़ी में तीन लोगों के साथ आकर चुपचाप बेगूसराय जिले के मंझौल न्यायालय में सरेंडर कर दिया है। वह इजलास में आकर बेहोश हो गईं और थोड़ी देर बाद ही खड़ी भी हो गईं। बाद में उनके इलाज के लिए डॉक्टर को बुलाया गया। उनपर आर्म्स एक्ट का केस चल रहा है।  

शनिवार को ही वर्मा के बेगूसराय स्थित घर के बाहर संपत्ति जब्त करने संबंधी नोटिस लगा दिया गया था। मंजू वर्मा की संपत्ति जब्त करने का आदेश बेगूसराय की मंझौल अदालत ने दिया था।

इससे पहले शुक्रवार सुबह बिहार पुलिस के एडीजी एसके सिंघल ने समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में कहा था कि अगर मंजू वर्मा जल्द आत्मसमर्पण नहीं करती हैं तो बिहार पुलिस उनकी संपत्ति जब्त करेगी। एडीजी का ये बयान उस वक्त आया जब मंजू की गिरफ्तारी को लेकर सुप्रीम कोर्ट बिहार पुलिस को फटकार लगा चुका है।

उल्लेखनीय है कि गुरुवार को जनता दल यूनाइटेड ने पार्टी से मंजू वर्मा को निलंबित कर दिया था। मालूम हो कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 29 बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न की सनसनीखेज घटना के खुलासे के बाद बिहार सहित पूरे देश में इस घटना की चर्चा हुई थी।

मंजू वर्मा के घर से भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला था

बिहार की पूर्व मंत्री रहीं मंजू वर्मा के घर से भारी मात्रा में गोला-बारूद मिला था। जिसके संबंध में पुलिस उन्हें अभी तक गिरफ्तार नहीं कर पाई है। फरार नेता को गिरफ्तार करने के लिए पुलिस ने बिहार और झारखंड स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी। हालांकि अभी तक उनका कुछ पता नहीं चल पाया है। मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामसे की सीबीआई जांच के दौरान उनके घर से गोला बारूद मिला था। इस घटना के बाद से ही वर्मा फरार चल रही हैं।

कोर्ट काफी पहले मंजू वर्मा की अग्रिम जमानत अर्जी खारिज कर चुकी है। बिहार पुलिस द्वारा मंत्री को अब तक गिरफ्तार न किए जाने को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी कड़ी फटकार लगाई थी। जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा था, ‘बहुत खूब! कैबिनेट मंत्री मंजू वर्मा फरार हैं, बहुत खूब। यह कैसे हुआ कि मंत्री फरार है और किसी को नहीं पता कि वह कहां है। मुद्दे की गंभीरता का अहसास करें कि मंत्री मिल नहीं रही है। यह बहुत हुआ।’

सुप्रीम कोर्ट ने आगे कहा था, ‘हम आश्चर्यचकित हैं कि एक महीने से भी अधिक समय हो गया और पुलिस पूर्व मंत्री के बारे में पता नहीं लगा पाई। हम पुलिस को यह बताना चाहते हैं कि इतने महत्वपूर्ण व्यक्ति के बारे में कैसे पता नहीं चल पाया है।’ कोर्ट ने डीजीपी को अपने सामने पेश होने के लिए कहा था। सुप्रीम कोर्ट में 27 नवंबर को इस मामले की अगली सुनवाई होनी है।

वहीं इससे पहले कोर्ट ने वर्मा की गिरफ्तारी न होने पर कहा था, ‘बिहार में कुछ भी ठीक नहीं है। पूर्व मंत्री छुपी हुई हैं और सरकार को पता ही नहीं है। मंत्री की जमानत याचिका खारिज होने के बाद भी सरकार उन्हें गिरफ्तार करने में नाकाम रही है।’

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