महिलाओं के ज्यादा तनाव लेने पर गर्भावास्था में होने वाले शारीरिक और मानसिक बदलावों का असर गर्भ में पल रहे शिशु के लिंग को प्रभावित कर सकता है। इस अध्ययन में कहा गया है कि शारीरिक और मनोवैज्ञानिक तनाव का सामना करने वाली गर्भवती महिलाओं के लड़का होने की संभावना कम होती है।

बदल देता है बच्चे का लिंग:
अमेरिका में कोलंबिया विश्वविद्यालय वागेलोस कॉलेज में प्रोफेसर, कैथरीन मोंक के मुताबिक, हमने 18 वर्ष आयु के 187 गर्भवती महिलाओं के मानसिक, शारीरिक स्वास्थ्य के साथ नियमित जीवन में तनाव देने वाले 27 संकेतों का अध्ययन किया। जिसमें लगभग 17 फीसदी महिलाओं को मनोवैज्ञानिक रूप से तनाव था, जिसमें चिकित्सकीय रूप से उच्च स्तर के अवसाद, चिंता और तनाव के लक्षण मौजूद थे।
जबकि 16 फीसदी गर्भवती महिलाओं में शारीरिक तनाव यानि अपेक्षाकृत उच्च रक्तचाप और अधिक कैलोरी के लक्षण पाए गए। इस शोध में 125 गर्भवती महिलाएं मानसिक, शारीरिक पूरी तरह से स्वस्थ थी।
बढ़ जाती हैं शिशु की जटिलताएं:
शोधकर्ताओं के मुताबिक, जिन गर्भवती महिलाओं में उच्च रक्तचाप और कैलोरी की मात्रा अधिक होती है, उनमें अन्य गर्भवती महिलाओं की तुलना में शिशु को समय से पहले जन्म देने की संभावना ज्यादा होती है। जबकि इसके साथ ही मानसिक रूप से तनावग्रस्त महिलाओं में में शारीरिक रूप से तनाव लेने वाली महिलाओं की तुलना में शिशु के जन्म संबंधी जटिलताएं बढ़ जाती हैं।
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