प्रदोष व्रत पर करें मां पार्वती के इन मंत्रों का जाप

सनातन धर्म में प्रदोष व्रत बहुत फलदायी माना जाता है। इस दिन भगवान शंकर की पूजा होती है। माना जाता है कि इस दिन भगवान शंकर की पूजा करने से सभी दुखों का अंत हो जाता है। ऐसे में इस दिन लोगों को इस दिन कठिन व्रत के साथ विधिवत पूजा-अर्चना करनी चाहिए। इस बार यह व्रत (Pradosh Vrat 2025) 11 जनवरी यानी आज के दिन रखा जा रहा है।

पौष महीने पड़ने वाले प्रदोष व्रत का बहुत ज्यादा महत्व है। इस दिन शिव-शक्ति की पूजा होती है, क्योंकि यह उनके मिलन का प्रतीक है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शाम के समय भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए, जो कि इसके नाम से भी पता चलता है। वैदिक पंचांग के अनुसार, दिन शनिवार यानी आज 11 जनवरी को शनि प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2025) रखा जा रहा है।

वहीं, इस खास मौके पर पूजा के दौरान माता पार्वती के 108 नामों का जाप भी करना भी बहुत अच्छा माना जाता है। इससे वैवाहिक जीवन में मधुरता आती है। ऐसे में सच्चे भाव से मां का ध्यान करते हुए उन्हें फल, फूल, मिठाई धूप और दीप आदि चीजें अर्पित करें।

फिर उनके नामों का जाप कर सच्चे भाव से उनकी आरती करें। ऐसा करने से आपकी सभी इच्छाएं पूरी हो जाएंगी, तो आइए यहां पढ़ते हैं।

।।मां पार्वती के 108 नाम।।

ॐ पार्वतीयै नमः
ॐ महा देव्यै नमः
ॐ जगन्मात्रे नमः
ॐ सरस्वत्यै नमः
ॐ चण्डिकायै नमः
ॐ लोक जनन्यायै नमः
ॐ सर्वदेवादि देवतायै नमः
ॐ शिवदुत्यै नमः
ॐ विशालाक्ष्यै नमः
ॐ चामुण्डायै नमः
ॐ विष्णु सोदर्यै नमः
ॐ चित्कलायै नमः
ॐ चिन्मयाकरायै नमः
ॐ महिषासुर मर्दन्यायै नमः
ॐ कात्यायन्यै नमः
ॐ काला रूपायै नमः
ॐ गौरीयै नमः
ॐ परमायै नमः
ॐ ईशायै नमः
ॐ नागेन्द्र तनयै नमः
ॐ रौद्र्यै नमः
ॐ कालरात्र्यै नमः
ॐ तपस्विन्यै नमः
ॐ गिरिजायै नमः
ॐ मेनकथमजयै नमः
ॐ भवन्यै नमः
ॐ जनस्थानायै नमः
ॐ वीर पथ्न्यायै नमः
ॐ विरुपाक्ष्यै नमः
ॐ वीराराधिथयै नमः
ॐ हेमा भासयै नमः
ॐ सृष्टि रूपायै नमः
ॐ सृष्टि संहार करिण्यै नमः
ॐ मातृकायै नमः
ॐ महागौर्यै नमः
ॐ रामायै नमः
ॐ रामायै नमः
ॐ शुचि स्मितयै नमः
ॐ ब्रह्म स्वरूपिण्यै नमः
ॐ राज्य लक्ष्म्यै नमः
ॐ शिव प्रियायै नमः
ॐ नारायण्यै नमः
ॐ महा शक्तियै नमः
ॐ नवोदयै नमः
ॐ भाग्य दायिन्यै नमः
ॐ अन्नपूर्णायै नमः
ॐ सदानंदायै नमः
ॐ यौवनायै नमः
ॐ मोहिन्यै नमः
ॐ सथ्यै नमः
ॐ ब्रह्मचारिण्यै नमः
ॐ शर्वाण्यै नमः
ॐ देव मात्रे नमः
ॐ त्रिलोचन्यै नमः
ॐ ब्रह्मण्यै नमः
ॐ वैष्णव्यै नमः
ॐ अज्ञान शुद्ध्यै नमः
ॐ ज्ञान गमयै नमः
ॐ नित्यायै नमः
ॐ नित्य स्वरूपिण्यै नमः
ॐ कमलयै नमः
ॐ कमलाकारायै नमः
ॐ रक्तवर्णयै नमः
ॐ कलानिधाय नमः
ॐ मधु प्रियायै नमः
ॐ कल्याण्यै नमः
ॐ करुणायै नमः
ॐ हरवः समायुक्त मुनि मोक्ष परायणै नमः
ॐ धराधारा भवायै नमः
ॐ मुक्तायै नमः
ॐ वर मंत्रायै नमः
ॐ शम्भव्यै नमः
ॐ प्रणवथ्मिकायै नमः
ॐ श्री महागौर्यै नमः
ॐ रामजानयै नमः
ॐ यौवनाकारायै नमः
ॐ परमेष प्रियायै नमः
ॐ परायै नमः
ॐ पुष्पिन्यै नमः
ॐ पुष्प कारायै नमः
ॐ पुरुषार्थ प्रदायिन्यै नमः
ॐ महा रूपायै नमः
ॐ महा रौद्र्यै नमः
ॐ कामाक्ष्यै नमः
ॐ वामदेव्यै नमः
ॐ वरदायै नमः
ॐ वर यंत्रायै नमः
ॐ काराप्रदायै नमः
ॐ कल्याण्यै नमः
ॐ वाग्भव्यै नमः
ॐ देव्यै नमः
ॐ क्लीं कारिण्यै नमः
ॐ संविधेय नमः
ॐ ईश्वर्यै नमः
ॐ ह्रींकारं बीजायै नमः
ॐ भय नाशिन्यै नमः
ॐ वाग्देव्यै नमः
ॐ वचनायै नमः
ॐ वाराह्यै नमः
ॐ विश्व तोशिन्यै नमः
ॐ वर्धनेयै नमः
ॐ विशालाक्ष्यै नमः
ॐ कुल संपत् प्रदायिन्यै नमः
ॐ अरथ धुकच्छेद्र दक्षायै नमः
ॐ अम्बायै नमः
ॐ निखिला योगिन्यै नमः
ॐ सदापुरा स्थायिन्यै नमः
ॐ तरोर्मुला तलंगथयै नमः

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