पेटीएम के लिए अच्छी खबर है। वन 97 कम्युनिकेशंस जो पेटीएम पेमेंट सर्विसेज को अपनी सब्सिडियरी के तौर पर चलाती है, ने बुधवार को कहा कि उसे रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया से ऑनलाइन पेमेंट एग्रीगेटर लाइसेंस मिल गया है।
इससे पहले कंपनी को इस साल अगस्त में इस लाइसेंस के लिए इन-प्रिंसिपल मंजूरी मिल गयी थी। स्टॉक एक्सचेंज को दी गयी जानकारी में, पेटीएम ने कहा कि उसे पेमेंट एग्रीगेटर के तौर पर काम करने के लिए 26 नवंबर को RBI से ऑथराइजेशन का सर्टिफिकेट मिला है। यह लाइसेंस एक ऑनलाइन मर्चेंट पेमेंट प्रोसेसर के तौर पर पेटीएम की स्थिति को और मजबूत करेगा।
पेटीएम के लिए क्यों है अहम
यह लाइसेंस ज्यादातर बड़ी फिनटेक कंपनियों के लिए एक रेगुलर सर्टिफिकेशन है। लेकिन पेटीएम के लिए यह इसलिए अहम है, क्योंकि इसकी एप्लिकेशन तब मुश्किल में पड़ गई थी, जब आरबीआई ने नवंबर 2022 में फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट के नियमों का पालन न करने पर इसे लौटा दिया था।
अगस्त 2024 में मिली थी वित्त मंत्रालय की मंजूरी
अगस्त 2024 में, पेटीएम ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय से जरूरी मंजूरी हासिल कर ली थी, जिससे PA लाइसेंस का रास्ता साफ हो गया था। जब तक उसे सैद्धांतिक मंजूरी नहीं मिल गई, पेटीएम नए मर्चेंट्स को शामिल नहीं कर सकी और उसे सिर्फ मौजूदा मर्चेंट्स को ही सर्विस देने की इजाजत थी।
पेटीएम के पास अभी RBI से मिला हुआ PA-Online लाइसेंस है, जबकि कई दूसरी कंपनियों ने सभी पेमेंट एग्रीगेटर ऑथराइजेशन हासिल कर लिए हैं। कैशफ्री, पाइन लैब्स, पेयू और रेजरपे के पास ऑफलाइन, ऑनलाइन और क्रॉस-बॉर्डर पेमेंट कंपनियों के तौर पर काम करने के लाइसेंस हैं।
कैसे रहे तिमाही नतीजे
पेटीएम ने चालू फाइनेंशियल ईयर की जुलाई-सितंबर तिमाही में 2,061 करोड़ रुपये के ऑपरेटिंग रेवेन्यू पर 21 करोड़ रुपये का नेट प्रॉफिट कमाया, जो पिछले साल के मुकाबले 24% ज्यादा है। वहीं बुधवार को इसका शेयर 43.25 रुपये या 3.48 फीसदी की मजबूती के साथ 1,286.35 रुपये पर बंद हुआ।
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