पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और तीरथ सिंह रावत के हालिया बयानों पर भाजपा ने कड़ा रुख अपनाया है। पूर्व मुख्यमंत्रियों के रुख से असहज पार्टी हाईकमान ने दोनों नेताओं को पार्टी लाइन में रहकर ही कोई बयान देने की हिदायत दे दी है। प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट ने राष्ट्रीय नेतृत्व की सलाह पर गुरुवार को दिल्ली में दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों से मुलाकात कर जहां उनका मन टटोला, वहीं नेतृत्व का संदेश भी उन तक पहुंचाया।
त्रिवेंद्र-तीरथ के बयान को लेकर सियासी हलकों में पैदा हुई गरमी के बीच भट्ट ने बुधवार को दिल्ली पहुंचकर प्रदेश प्रभारी दुष्यंत गौतम और राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष से मुलाकात की थी। गुरुवार को भट्ट ने दिल्ली में मौजूद त्रिवेंद्र व तीरथ से अलग-अलग मुलाकात की। भट्ट ने बताया कि दोनों ही पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं, इसलिए उनसे राष्ट्रीय नेतृत्व की अपेक्षा के अनुरूप अपनी बात संगठन या सरकार के माध्यम से रखने का आग्रह किया है।
उनकी बातों पर संगठन और सरकार के स्तर से जरूरी कदम भी उठाए जाएंगे। साथ ही दोनों, राष्ट्रीय नेतृत्व के जरिए भी बात रख सकते हैं। भट्ट ने बताया कि कुछ मामलों में बयानों को तोड़-मरोड़कर पेश करने से भी बात का बतंगड़ बन गया। उन्होंने बताया कि तीरथ रावत ने स्पष्ट किया कि उनके बयान के मूल सवाल को काटकर खासकर एक हिस्सा ही सामने रखा गया। इससे अर्थ का अनर्थ हो गया। भट्ट के कहा, ऐसे मामलों में विवाद होने पर बड़े नेताओं से यथासमय स्पष्टीकरण देने की अपेक्षा की गई है।
भट्ट ने पार्टी में असंतोष से साफ इनकार किया। कहा कि पार्टी के अंदर सभी सांसद, विधायक, और कायकर्ता एकजुट हैं।
पूर्व मुख्यमंत्रियों को मार्गदर्शन करना चाहिए
संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि त्रिवेंद्र रावत और तीरथ रावत भाजपा के वरिष्ठतम नेता हैं। राज्य में उन्हीं की पार्टी की सरकार है। दोनों मुख्यमंत्री भी रहे हैं। ऐसे में वो तो हमारे मार्गदर्शक हैं। धर्मांतरण कानून को लेकर प्रदेश सरकार का रुख बिलकुल साफ है। जबरन धर्मांतरण पर सरकार कठोरतम कार्रवाई करेगी।
अग्रवाल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में पूर्व मुख्यमंत्रियों के बयानों को लेकर पूछे सवालों पर बेबाकी से राय जाहिर की। उन्होंने कहा कि वे लोग तो हमारे मार्गदर्शक हैं। उन्हें सीएम पुष्कर सिंह धामी और मुझे भी मार्गदर्शन देना चाहिए। इस मुद्दे पर मीडिया के और सवालों पर अग्रवाल ने कहा कि मुझे इस विषय पर और कुछ नहीं कहना है। यह बात उन लोगों को समझनी चाहिए।मालूम हो कि हाल में पूर्व सीएम त्रिवेंद्र ने भ्रष्टाचार जबकि तीरथ ने उत्तराखंड राज्य बनने के बाद कमीशनखोरी बढ़ने संबंधी बयान दिए थे। उधर धर्मांतरण कानून के