भारत को पहला क्रिकेट विश्व कप जिताने वाले कप्तान कपिल देव ने कहा कि टीम इंडिया का अगला कोच चुनने को लेकर वह किसी तरह के दबाव में नहीं हैं।

ईस्ट बंगाल फुटबॉल क्लब के 100 साल पूरे होने के मौके पर आयोजित समारोह में शिरकत करने कोलकाता आए कपिल ने गुरुवार को मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैं नए कोच के चयन को लेकर किसी तरह के दबाव में नहीं हूं। दबाव में वे लोग होते हैं, जो दी जाने वाली जिम्मेदारी निभाने से घबराते हैं।’ मालूम हो कि टीम इंडिया के अगले कोच का चयन कपिल की अगुआई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति करेगी।
क्रिकेट और फुटबॉल की तुलना को लेकर पूछे गए सवाल पर कपिल ने बेबाकी से अपने एक हाथ को ऊपर व दूसरे को नीचे दिखाते हुए कहा कि दोनों में यही अंतर है। फुटबॉल दुनिया का हरेक देश खेलता है, जबकि क्रिकेट 12, 14 अथवा 15 देश ही खेलते हैं। फुटबॉल बड़ा एथलीट बनने के लिए धार प्रदान करता है। यही वजह है कि क्रिकेटर भी अभ्यास सत्र में फुटबॉल खेलते हैं। खिलाडि़यों के लिए फिटनेस बेहद जरूरी है।
पेले और डिएगो मेराडोना पर उन्होंने कहा, ‘मेरे पसंदीदा फुटबॉलर तो मेराडोना ही हैं। वह भले सर्वश्रेष्ठ रनर नहीं थे, लेकिन जब बॉल उनके पैरों में आती थी, उस वक्त दुनिया में उनसे तेज कोई नहीं होता था।’ ईस्ट बंगाल के लिए दशकों पहले खेले प्रदर्शनी मैच को याद करते हुए ‘हरियाणा हरिकेन’ के नाम से मशहूर कपिल ने कहा, ‘क्लब फुटबॉल में खेल नहीं, बल्कि क्लब को लेकर दीवानगी देखने को मिलती है। इससे समर्थकों की क्लब के प्रति विश्वसनीयता का पता चलता है। समर्थक ही क्लब की मुख्य शक्ति हैं। समर्थकों के बिना कोई क्लब आगे नहीं बढ़ सकता।’
इस अवसर पर मौजूद भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान बाइचुंग भूटिया ने कहा कि भारतीय फुटबॉल में ईस्ट बंगाल का अहम योगदान है। क्लब ने योग्यता का हमेशा सम्मान किया है।
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